Ram Krishan Rastogi
Umda Shayar
Rau: 69
Offline
Gender:
Waqt Bitaya:30 days, 21 hours and 9 minutes.
Posts: 4988 Member Since: Oct 2010
|
|
|
उठो द्रोपदी अब शस्त्र संभालो , कलयुग में कृष्ण नहीं आयेगे | अपनी रक्षा स्वयं ही करनी , कोई तुम्हे बचाने नहीं आयेगे ||
कब तक तुम आस रखोगी ? बिके हुये इन अखबारों से | किस से हेल्प मांग रही हो, दुशासन के दुष्ट दरबारों से || स्वयं जो लज्जाहीन खड़े है , वे क्या तुम्हारी लाज बचायेगे ? उठो द्रोपदी अब वस्त्र संभालो , कलयुग में कृष्ण नहीं आयेगे ||
कल तक था वह अँधा राजा , अब वह गूंगा बहरा भी है | होठ सिल दिए है जनता ने , कानो पर भी अब पहरा है || तुम्ही कहो ये अश्रु तुम्हारे , किसको क्या ये समझायेगे | उठो द्रोपदी अब शस्त्र संभालो , कलयुग में कृष्ण नहीं आयेगे ||
छोडो मेहँदी अब शस्त्र संभालो , खुद ही अपना चीर बचा लो | शतरंज बिछाये बैठे ये शकुनी , चाहे कोई नई चाल चला लो || हर बार मात देगे ये खिलाडी , इनसे तुम बच नही पाओगी | उठो द्रोपदी शास्त्र संभालो , कलयुग में कृष्ण नहीं आयेगे ||
छाया है चारो तरफ अँधेरा , कहीं रौशनी नहीं दिखती है | बीच बाजारों में अब तुम्हारी , सरे आम इज्जत बिकती है || फिर भी तुम आशा रखती हो, क्या तुम्हे ये बचा पायेगे ? उठो द्रोपदी अब शस्त्र उठाओ कलयुग में कृष्ण नहीं आयेगे ||
मोमबत्ती जलाकर,अश्रु बहाकर , ये मौन जलूस निकालते है | जब तुम्हारा बलात्कार होता , तब ये कहाँ छिप जाते है ? ये दिखावटी बाते व आडम्बर , अब कुछ नहीं कर पायेगे | उठो द्रोपदी शस्त्र संभालो , कलयुग में कृष्ण नहीं आयेगे ||
आये दिन ये घटनाये होती , अखबारों में ये खूब छपती है | टी वी चैनलों पर ये अब , नंगी आँखों से दिखती है | देखने वाले इन खबरों को , अपने कान में रुई लगायेगे | उठो द्रोपदी वस्त्र संभालो, कलयुग में कृष्ण नहीं आयेगे ||
आर के रस्तोगी मो 9971006425
|