सागर व नदी का वार्तालाप --आर के रस्तोगी

by Ram Krishan Rastogi on May 08, 2018, 05:54:42 AM
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Ram Krishan Rastogi
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भले ही तुम गहरे हो !
मेरा भी रिश्ता तुमसे गहरा है
सदियों से तुम्हारे पास आ रही हूँ
अपना रिश्ता तुमसे निभा रही हूँ
सोचा!कितनी दूर से यहाँ आती हूँ
तुम्हारी,मै प्यास बुझाती हूँ मै
बस तुमसे मिलने आती हूँ मै

मेरा उद्गम झरने से है
तुम्हारा उद्गम मेरे से है
मै ही तुमको जन्म देती हूँ
तुम्हारा लालन-पोषण करती हूँ
तुम्हारे लिए कितनी मेहनत करती हूँ
तुमको कितने अथाह जल से भरती हूँ
तुम्हारी प्यास बुझाती हूँ मै
तुमसे मिलने ही आती हूँ मै

तुम्हारा पानी कितना खारा है
मेरा पानी कितना मीठा है
तुम्हारा पानी नहीं कोई पीता है
मेरा पानी सब कोई पीता है
तुम ठहरे मेरे प्रियतम प्यारे
इसलिए तुम्हारे पास आती हूँ मै
तुम्हारी प्यास बुझाती हूँ मै

मालूम है कौन हूँ मै ?
कहाँ से आती हूँ मै ?
वैसे तो मेरा रूप एक है
हर जगह मेरे नाम अनेक है
मुझे गंगा,यमुना,गोमती कहते
मुझे सरस्वती कावेरी भी कहते
मंदाकनी,भागीरथी भी मेरा नाम है
रावी,चिनाव,झेलम मेरा नाम है
सतलज व्यास भी मेरा नाम है
इन पांचो नदियों को मिलाकर
मै तेरे लिए पंजाब बनाती हूँ मै
बस तुमसे मिलने यहाँ आती हूँ मै

आर के रस्तोगी
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surindarn
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«Reply #1 on: May 08, 2018, 08:17:59 PM »
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भले ही तुम गहरे हो !
मेरा भी रिश्ता तुमसे गहरा है
सदियों से तुम्हारे पास आ रही हूँ
अपना रिश्ता तुमसे निभा रही हूँ
सोचा!कितनी दूर से यहाँ आती हूँ
तुम्हारी,मै प्यास बुझाती हूँ मै
बस तुमसे मिलने आती हूँ मै

मेरा उद्गम झरने से है
तुम्हारा उद्गम मेरे से है
मै ही तुमको जन्म देती हूँ
तुम्हारा लालन-पोषण करती हूँ
तुम्हारे लिए कितनी मेहनत करती हूँ
तुमको कितने अथाह जल से भरती हूँ
तुम्हारी प्यास बुझाती हूँ मै
तुमसे मिलने ही आती हूँ मै

तुम्हारा पानी कितना खारा है
मेरा पानी कितना मीठा है
तुम्हारा पानी नहीं कोई पीता है
मेरा पानी सब कोई पीता है
तुम ठहरे मेरे प्रियतम प्यारे
इसलिए तुम्हारे पास आती हूँ मै
तुम्हारी प्यास बुझाती हूँ मै

मालूम है कौन हूँ मै ?
कहाँ से आती हूँ मै ?
वैसे तो मेरा रूप एक है
हर जगह मेरे नाम अनेक है
मुझे गंगा,यमुना,गोमती कहते
मुझे सरस्वती कावेरी भी कहते
मंदाकनी,भागीरथी भी मेरा नाम है
रावी,चिनाव,झेलम मेरा नाम है
सतलज व्यास भी मेरा नाम है
इन पांचो नदियों को मिलाकर
मै तेरे लिए पंजाब बनाती हूँ मै
बस तुमसे मिलने यहाँ आती हूँ मै

आर के रस्तोगी
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Jehl;am aur Chanab to abb Pakistan mein gaaye Janaab.
Waah waah bahut khoob. Applause Applause Applause Applause Applause Applause Applause
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Ram Krishan Rastogi
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«Reply #2 on: May 09, 2018, 11:13:27 AM »
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श्री सुरिन्द्रण जी शुक्रिया 
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With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


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