Welcome to Yoindia Shayariadab
A community of 8498 of real poets and poetry admirer from whole globe.
Join Now and unleash the poet inside you!
Tip of the moment...
If you have any questions, query or doubt about Yoindia Shayariadab then feel free to ask about it at Support Section . There are many people to help you!
Latest Shayari at Yoindia Shayariadab
Jaan Pe Jaan Ko Warna Padta Ishq Me Dil Ko Harna Padta
Kahte Hain Aag Ka Dariya Hai Ye Pyar Me Khud Ko Marna Padta
Written by Syed Iqtedar Hussain [/color][/b]
फिर वही ज़िंदगी फिर मौत का ये फेरा है गुम न हो जाना यहाँ पर बोहोत अंधेरा है चाँद तारों की छिड़ी बात तो किसी ने कहा वो तारा तेरा है और ये चाँद मेरा है
मेरे दर पर मेरे नाम की तख्ती जो मिली वो समझ बैठा यहीं पर मेरा बसेरा है इल्म तो उसको भी ये होगा कभी न कभी रात छोटी है यहाँ बसने को, खड़ा सवेर...
Dosto kaise hai aap? Main Asif haazir hua hoo apni ek nayi daastan ke saath jo 2024 ki meri pehli likhi story hone jaa rahi hai, is baar maine bedard ka sequel likha hai jo kahani 2018 romantic crime thriller thi, uske baad jo do crime thriller series likhi "anjaan" aur "Firaaq" unka is kahani se mi...
Hain guzre hove afsaan-e muhabbat men hikayaten har sad Phir dil hi par zakhm kyon khate hain ashik har sad
Marna hi tha usse so mar gaya dil-e nadaan Phir bhi tere zikr par ye dil dhadakta hai kyon kar
Abul Asad
हमने सारी ही घूम ली दुनिया घर में लौटे हैं तब मिली दुनिया
कभी अच्छी कभी बुरी दुनिया हम थे जैसे हमें लगी दुनिया
हमने इक शाम बाम पर आकर अपने इक जाम में भरी दुनिया
मैंने तेरे इवज़ अकेलापन तूने मेरे इवज़ चुनी दुनिया
एक कौन्ट्रैक्ट ह...
किताब पुछे पन्नों से इतना क्यों फ़डफ़डा रहे हो? औकाद क्या तुम्हारी, कागज के पुतलों?
पन्ने तिलमिलाये, बोले - हमारी औकाद से होना बेहतर वाकिफ़ सिमटे है हम एक जगह, तो है तेरी ये मस्ती, जो बिखर गये हम तो मिटेगी तेरी हस्ती.
पन्ने छेडने लगे वाक्यों को ...
लहरों की तरह जज़्बात भी होते हैं गिरते उठते हँसते और रोते हैं जीवन की मंज़िल मौत के धागे से जुड़कर फिर से जीवन ही होते हैं
हर मौज में इतना शोर के सन्नाटे आराम से गहराई में सोते हैं
कुछ कहती है हर बूँद ये जीवन की कुछ शख्स यहाँ पहचान के होते हैं
आवाज़ नहीं होती गहराई में ऐसे ही तो ...
याद आती जो तेरी तुझसे मिलने आ जाता तुम मेरे साथ ही रहते हो तो क्या याद करूँ भूल जाने की कोई बात कहाँ बनती है याद आते नहीं क्या ये बड़ा सुबूत नहीं
बात बनती है बनाता हूँ जहां तक हो सके मेरी फितरत ही ऐसी है तो मैं क्या ही करूँ वैसे चुप रहता हूँ कहता हूँ मैं तो कुछ भी नहीं मुझको छेड़ोगे कह...
आजकल हम भी तेरी उल्फतों में रहते हैं बारहा चारों पहर मयकदों में रहते हैं नज़्म, शेरों में ग़ज़ल में और मिसरों में तेरी बातों के कई शायरों में रहते हैं
तेरे रुखसार पे जो तिल की तरह दिखता है ये तेरे हुस्न की ही ख़िदमतों में रहते हैं
रौशनी के लिए हम छत पे खड़े हैं कबसे चाँद के साथ हम भी ज़...
Kuch nami si hai, Kuch kami si hai.. Khair chodho, tum batao.. Sab thik hain? Dard hai dil mein, Sard mehfil mein, Khair chodho, tum batao Sab thik hain? Yaad aati hai Be-baat aati hai Khair chodho, tum batao Sab thik hain?
Hi all. I am Aroon. I was searching a good poetry community and finally landed to yoindia. Hope to share and read many new poetry.
जंगल में शबरी के झूठे बेर को सस्नेह पूर्वक खाना दुश्मन को युद्ध से पहले ही चरणों में अपने गिराना दिल में ज़रा भी नफरत माँ कैकई के लिए न लाना भाईयों को अपने अपनी पलकों पर पल पल बैठाना बिना किसी भेद भाव न्याय प्रणाली को राज्य में चलाना ...
हुस्न तेरा ये कोहिनूरी है अब्र की शिद्दतें भी पूरी हैं .... (अब्र = बादल, शिद्दत = intensity) दिल संभाले तो कोई कैसे बता कुछ तो कहना तुझे ज़रूरी है
ये चमक है तेरा सुरूर-ए-नशा .... (सुरूर = toxic) आँख तेरी ये चश्म-ए-नूरी है .... (चश्म-ए-नूरी = प्रकाश सी नज़र ) देख अपनी नज़र को देख ज़रा देख...
Rakh diya Girbee,, Khud ko unki mohabbat ke liye...
Aur woh hai ki tadapte Hain kisi aur ki mohabbat ke liye...
Kisi Ne Poocha !!! Kabhi Ishq Hua Tha, Hum Muskuraake Bole, Aaj Bhi Hai,.
-Azeem Azaad,.
Jabse Huwe Hain Unkay Ham Door Huwe Hain Saare Gham
Dil Ab Bada Hi Shaad Hai Aankhen Bhi Ab Nahi Hain Nam
Har Shae Mili, Milay Jo Wo Khushiyan Hi Ab Hain Dam’ba’Dam
Ranj’o’Malaal Mit Gaye Dard’o’Alam Huwe Hain Kam
Unkay Hi Ek Saath Se Jeena Hai Ab Khadam Kha...
#माँ शारदे का
हम कमाल है वो बवाल है, लगता अपने आप में सवाल है। हर बात में है सन्देह की पुड़िया, इशारों पर नचानेवाली पत्थर की गुड़िया। न श्रृंगार उसे भाता है कुरूपता की मूर्ति, पर अपने को समझे मेनका की प्रतिमूर्ति। सुना है ताड़का, सूपनखा थी राक्षसीयां, पर वो है कलयुग की जागती प्रेतात्मा। मन्द...
Wo Hawa si ban kar Gujar Gaye Pass se humare
Wo humare liye Rukk bhi na sake To ,,,SHIKAYAT,,, bhi kya kare
अश्क हूं मैं तुम्हारा,आंखे हो तुम।मेरी। कंठ हूं मै तुम्हारा,आवाज हो तुम मेरी।। कैसे अलग हो सकता हूं मैं अब तुमसे, जब जोड़ी बनाई है प्रभु ने हमारी तुम्हारी।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम
करना ही पड़ा जिक्र तुम्हारा ,,,, शायरी में मोहब्बत कुछ कम थी
इश्क ना हो जाए पढ़ते हुए तुमको ,,,,, काग़ज़ पर कहानी नही मोहब्बत लिखी है
तुम्हे सोच कर बेचैन रहते हैं ,, ऐसा सुकून कहीं और नही मिलता
तमाम गुनाह कबूल कर लिए हमने ,,,, उनके इल्जाम ही इतने हसीन थे
खुद ही कर ली कबूल सजा हमने ,,,,, मेरा दिल भी तुम्हारे हक में गवाही दे रहा था
तुम्हारे ख्वाब आना कोई इत्तेफाक नही ,,,,, हमें नींद ही इस शर्त पे आती है
|