उतराखंड में खेल मीडिया और सरकार का .... ऋषि अग्रवाल

by Rishi Agarwal on June 26, 2013, 01:01:49 AM
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Rishi Agarwal
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उतराखंड में मची तबाही ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस तबाही का शिकार सिर्फ उत्तराखंड के बाशिंदे ही नहीं बल्कि देश के कोने-कोने में इस त्रासदी के सताए लोग फेले हैं । उतराखण्ड में जो तबाही हुयी है वो किसी पत्थरदिल इंसान को भी हिलाकर रख दे । और इस त्रासदी पर भी सता और मीडिया अपना उल्लू सीधा कर रही हैं । जहाँ लाचार और बेबस लोग इस भवंडर की वजह से भूखे प्यासे अपने आप से लड़ रहे हैं वही मीडिया वाले उनसे उल्ट जलूल सवाल पूछ रहे हैं । जहाँ वो पांच लाख केमरा ले जाकर न्यूज दे रहे हैं क्या वो उस जगह भूख प्यास से मरने वालो के लिए कुछ राहत सामग्री नहीं ले जा सकते ।

पर एक तरफ राजनीती हावी हो रखी हैं तो एक तरफ मीडिया अपने चेनल की टी आर पी वसूल करने में लगी हैं । क्यों इंसानियत ख़त्म हो चुकी हैं अगर सरकार उसी दिन सही रूप से फसे लोगो की शुध ले लेती तो अब तक बहुत से लोगो की जान भूख प्यास से बचाई जा सकती थी । पर उस ये यही सोच रहे थे की 50 या 100 लोग मरे होंगे और पल्ला झाड लिया पर जैसे जैसे लाशो का आना शुरू हुवा तब हमारी सरकार सचेत हुई । और फिर जहाँ पहले 500 सैनिक लगा रखे थे उनकी संख्या 6000 करनी पड़ी । जहाँ 5 हेलिकॉप्टर लगा रखे थे उनकी संख्या 60 करनी पड़ी । मतलब सरकार भी बैठी बैठी तमाशा देख रही थी ।

एक तरफ मीडिया अपना पूरा मीडिया का सेट लेके पहुँच गई पर किसी के लिए कोई राहत सामग्री लेके नही पहुंची । बल्कि बिकी हुई मीडिया उनसे सवाल ऐसे पूछ रही पांच दिन से भूखे रहने पे आप कैसा महसूस कर रहे हो । आपका बच्चा आपकी आँखों के सामने मर रहा था तो आप क्या कर रहे थे । मतलब वो सिर्फ अपनी टी आर पी वसुल करने के चक्कर में उसके दर्दो पे महरम लगाने की बजाय उसके घावों को और बढ़ा रहे हैं ।

वाह रे मेरी सरकार वाह रे मेरी मीडिया तूम सब बिक गए हो चंद रुपयों के खातिर । आपकी रूह मर चुकी हैं इंसानियत को आपने बेच दिया हैं । खुद की जेब भरने के खातिर आप लाचार बेबस लोगो को भी नही बक्श रहे वाह रे वाह कैसे कैसे लोग आ गए इस दुनिया में । मीडिया तो सत्य और दुसरो की मदद के लिए बनती हैं पर आप तो अपने चेनल पे 90 प्रतिशत झूठ दिखाते हो । और आप वो ही दिखाते हो जायदा बीके मतलब जिससे आपकी जेब में मोटा पैसा आ सके ।

किसी की बहन बेटी की जब आबरू लुट रही होती तब भी ये केमरा लेकर उसका लाइव लेने लग जाते हैं । अगर कोई बेटी नग्न अवस्था में मिलती हैं तो उसे कपड़ा उड़ाने की जगह ये उसपे केमरा लगा कर न्यूज बनाने लग जाते हैं । दंगे फंसाद में घायल लोगो की मदद करने की जगह उसपे केमरा लगा कर उसका लाइव सीन दिखाते रहते हैं । कोई किसी की हत्या कर रहा हैं उसको बचाने की जगह उपसे केमरा लगा रखते हैं । मतलब इन्हें इन्सान को बचाने से मतलब नही अपनी जेब भरने से मतलब हैं और अगर इन्हें कोई न्यूज नही मिलती तो ये फालतू की खबरे प्रसारित करने लग जाते हैं ।

मेरी तरफ से इस गन्दी सरकार को और बिकी हुई मीडिया को शत शत नमन । अगर आप अपना काम इसी तरह से करते रहे तो वो दिन दूर नही जब चारो तरफ मौत और भूख का तांडव होगा और आप लोगो को अपनी जेब भरने के लिए कोई नही रोकेगा । आप सत्य नही दिखा सकते किसी की मदद नही कर सकते । हमारी सरकार और हमारी मीडिया नपुंसक हैं । जो सिर्फ अपनी जेब भर्ती हैं ।
ऐसी मीडिया और सरकार का होना हमारे लिए घातक हैं । ... जय हिन्द

!! वाह रे मीडिया तेरा भी जवाब नहीं !!
!! तू बिक गई चंद रुपयों के खातिर !!
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@Kaash
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«Reply #1 on: June 26, 2013, 03:46:09 AM »
bahut khoob!
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MANOJ6568
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«Reply #2 on: June 26, 2013, 05:08:56 AM »
उतराखंड में मची तबाही ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस तबाही का शिकार सिर्फ उत्तराखंड के बाशिंदे ही नहीं बल्कि देश के कोने-कोने में इस त्रासदी के सताए लोग फेले हैं । उतराखण्ड में जो तबाही हुयी है वो किसी पत्थरदिल इंसान को भी हिलाकर रख दे । और इस त्रासदी पर भी सता और मीडिया अपना उल्लू सीधा कर रही हैं । जहाँ लाचार और बेबस लोग इस भवंडर की वजह से भूखे प्यासे अपने आप से लड़ रहे हैं वही मीडिया वाले उनसे उल्ट जलूल सवाल पूछ रहे हैं । जहाँ वो पांच लाख केमरा ले जाकर न्यूज दे रहे हैं क्या वो उस जगह भूख प्यास से मरने वालो के लिए कुछ राहत सामग्री नहीं ले जा सकते ।

पर एक तरफ राजनीती हावी हो रखी हैं तो एक तरफ मीडिया अपने चेनल की टी आर पी वसूल करने में लगी हैं । क्यों इंसानियत ख़त्म हो चुकी हैं अगर सरकार उसी दिन सही रूप से फसे लोगो की शुध ले लेती तो अब तक बहुत से लोगो की जान भूख प्यास से बचाई जा सकती थी । पर उस ये यही सोच रहे थे की 50 या 100 लोग मरे होंगे और पल्ला झाड लिया पर जैसे जैसे लाशो का आना शुरू हुवा तब हमारी सरकार सचेत हुई । और फिर जहाँ पहले 500 सैनिक लगा रखे थे उनकी संख्या 6000 करनी पड़ी । जहाँ 5 हेलिकॉप्टर लगा रखे थे उनकी संख्या 60 करनी पड़ी । मतलब सरकार भी बैठी बैठी तमाशा देख रही थी ।

एक तरफ मीडिया अपना पूरा मीडिया का सेट लेके पहुँच गई पर किसी के लिए कोई राहत सामग्री लेके नही पहुंची । बल्कि बिकी हुई मीडिया उनसे सवाल ऐसे पूछ रही पांच दिन से भूखे रहने पे आप कैसा महसूस कर रहे हो । आपका बच्चा आपकी आँखों के सामने मर रहा था तो आप क्या कर रहे थे । मतलब वो सिर्फ अपनी टी आर पी वसुल करने के चक्कर में उसके दर्दो पे महरम लगाने की बजाय उसके घावों को और बढ़ा रहे हैं ।

वाह रे मेरी सरकार वाह रे मेरी मीडिया तूम सब बिक गए हो चंद रुपयों के खातिर । आपकी रूह मर चुकी हैं इंसानियत को आपने बेच दिया हैं । खुद की जेब भरने के खातिर आप लाचार बेबस लोगो को भी नही बक्श रहे वाह रे वाह कैसे कैसे लोग आ गए इस दुनिया में । मीडिया तो सत्य और दुसरो की मदद के लिए बनती हैं पर आप तो अपने चेनल पे 90 प्रतिशत झूठ दिखाते हो । और आप वो ही दिखाते हो जायदा बीके मतलब जिससे आपकी जेब में मोटा पैसा आ सके ।

किसी की बहन बेटी की जब आबरू लुट रही होती तब भी ये केमरा लेकर उसका लाइव लेने लग जाते हैं । अगर कोई बेटी नग्न अवस्था में मिलती हैं तो उसे कपड़ा उड़ाने की जगह ये उसपे केमरा लगा कर न्यूज बनाने लग जाते हैं । दंगे फंसाद में घायल लोगो की मदद करने की जगह उसपे केमरा लगा कर उसका लाइव सीन दिखाते रहते हैं । कोई किसी की हत्या कर रहा हैं उसको बचाने की जगह उपसे केमरा लगा रखते हैं । मतलब इन्हें इन्सान को बचाने से मतलब नही अपनी जेब भरने से मतलब हैं और अगर इन्हें कोई न्यूज नही मिलती तो ये फालतू की खबरे प्रसारित करने लग जाते हैं ।

मेरी तरफ से इस गन्दी सरकार को और बिकी हुई मीडिया को शत शत नमन । अगर आप अपना काम इसी तरह से करते रहे तो वो दिन दूर नही जब चारो तरफ मौत और भूख का तांडव होगा और आप लोगो को अपनी जेब भरने के लिए कोई नही रोकेगा । आप सत्य नही दिखा सकते किसी की मदद नही कर सकते । हमारी सरकार और हमारी मीडिया नपुंसक हैं । जो सिर्फ अपनी जेब भर्ती हैं ।
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«Reply #3 on: June 26, 2013, 08:25:37 AM »
thos haqeeqat
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Sudhir Ashq
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«Reply #4 on: June 26, 2013, 04:11:10 PM »
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«Reply #5 on: June 26, 2013, 06:49:10 PM »
bitter truth
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Bhupinder Kaur
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«Reply #6 on: June 26, 2013, 07:47:42 PM »
Beautifully penned the Bitterest Truth. Kudo's...............
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