पहचान !

by deepika_divya on October 28, 2009, 07:13:28 AM
Pages: [1]
Print
Author  (Read 905 times)
deepika_divya
Guest
क्या आप अपने आप को पहचानते है ? नही ? तो फ़िर क्यूँ हम दुसरो को जानने पहचानने में अपना अधिकतर वक्त जाया करते है ?

कई बार ऐसे हालत उत्पन होते है जिन्दगी में जहाँ हम अपने आप में ही उलज कर रह जाते है और सही ग़लत का फ़ैसला दूसरो पर छोड़ देते है॥ जिन्दगी हमारी और फ़ैसला किसी और का? ये कैसा हिसाब है ?

जिन्दगी में अक्सर हम भी दुसरो को समजने और उनकी जीवन की उल्जनो को सुल्जाते सुल्जाते ख़ुद अपने आप से अपरिचित हो जाते है ॥ और तो और आज कल समाज में सभी वर्ग के लोगो में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ ने सब इतने खोये है की सायद की ख़ुद को समजने या जाने का किसी का पास वक्त भी बाकी है? अब तो हालत ऐसे है की सब लोग बस यही सोचते है की जो हो रहा है होने दो यारो कौन ज्यादा दिमाग कर्च करे और बेकार के जन्जतो में पड़े... यहाँ तक की किसी को ये भी परवा नही की उनकी जिन्दगी का मुक्य उद्देश्य क्या है? और उनको किस राह में जाना और क्या सही और क्या ग़लत है॥

इस बात पर एक बात याद आ गई ...:- एक बार मेरी फ्रेंड का भांजा घर आया हुआ था और इसकी उमर लगभग २ वर्ष की थी। तो वोह अपनी मस्ती में बालकनी की और जा रहा aur सामने से मेरे भाई आ रहा था और उसको जरा सी टक्कर लग गई और उसकी दिशा बदल गई किचन की और..तो उसने किचन की और बढना शुरु कर दिया और किचन से मेरी मम्मी बहार आ रही थी और फ़िर उस्सको टक्कर लग गई और उसकी दिशा फ़िर बदल बेडरूम की और और वोह बेडरूम की और चलने लगा...

इस कहानी से मै बस यही समजने की कोशिश कर रही हूँ की आज कल सब लोगो की हालत भी उस बच्चे के सामन हो गई है॥ जो जहाँ ले चले वोह उसी और चलने लगता है...ऐसे मै समाज का भी बाला नही होता और इंसान ख़ुद की पहच्चन खोता चला जा रहा है... ऐसे मै आप सब देखते ही होंगे की कल जो संस्कार हमारे पूर्वजो ने दिए थे वोह आज न क बराबर रह गए है॥ परवर्तन अनिवार्य है पर परविर्तन का मुकोटा पहन हम सच्चाई से तो नही भाग सकते न? सारी दुनिया से ख़ुद की बुरइयो को छुपा लोगे पर क्या कभी एकांत मै ख़ुद का सामना कर पाओगे ? सिर्फ़ इसका एक ही उत्तर है नही नही और सिर्फ़ नही !

इसलिए सबसे से पहले ख़ुद को समझो ख़ुद को पहचानो की तुम कौन हो ? तुमारा मजिल क्या है ? क्या जो तुम कर रहे हो वोह सब के हित मै है ? तुमरे कर्तव्य का है ?

ऐसी ही कई सावाल है जो ख़ुद से पूछोगे तो हर एक सवाल का उत्तर अपने आप ही सामने आ जाएगा॥ जो तुम्हें तुमरे अन्तेरात्मा से मिलाएगा और तुम सही मायने मा चैन की साँस ले सकोगे...

हमारी पहच्चान ही हमारा अस्तित्व है !

लेखिखा
"दिव्या"
Logged
madhuwesh
Guest
«Reply #1 on: October 28, 2009, 07:24:56 AM »
Bahut khoob Sophi ji,sach kaha aapne aur bahut gaherai hai aapke baaato mein.
great creation.excellent icon_thumleft Applause Applause Applause Applause icon_salut
Logged
Rishi Agarwal
Guest
«Reply #2 on: October 28, 2009, 02:46:28 PM »
Bahut accha likha hai sophi Ji ApplauseApplauseApplause
Logged
sranil66
Guest
«Reply #3 on: October 29, 2009, 05:37:23 AM »
A VERY WELL THOUGHT ARTICLE. WE ALL HAVE IDENTITY CRISIS NOWA DAYS. 

ANIL
Logged
deepika_divya
Guest
«Reply #4 on: October 29, 2009, 05:57:40 AM »
Bahut khoob Sophi ji,sach kaha aapne aur bahut gaherai hai aapke baaato mein.
great creation.excellent icon_thumleft Applause Applause Applause Applause icon_salut

Thank You so so Much Madhu..

But tum Kuch kehna nahi chahogi iss topic pe ??
Logged
deepika_divya
Guest
«Reply #5 on: October 29, 2009, 05:58:05 AM »
Bahut accha likha hai sophi Ji ApplauseApplauseApplause

Thank you So much Rishi
Logged
deepika_divya
Guest
«Reply #6 on: October 29, 2009, 05:59:05 AM »
A VERY WELL THOUGHT ARTICLE. WE ALL HAVE IDENTITY CRISIS NOWA DAYS. 

ANIL

Thank you so so Much Anil..

If you add some of your view.. that will be great ... Usual Smile
Logged
Pages: [1]
Print
Jump to:  


Get Yoindia Updates in Email.

Enter your email address:

Ask any question to expert on eTI community..
Welcome, Guest. Please login or register.
Did you miss your activation email?
April 24, 2024, 01:55:23 PM

Login with username, password and session length
Recent Replies
[April 23, 2024, 09:54:09 AM]

by ASIF
[April 22, 2024, 01:50:33 PM]

[April 04, 2024, 04:49:28 PM]

[April 02, 2024, 12:27:12 PM]

by ASIF
[March 24, 2024, 04:34:54 AM]

by ASIF
[March 24, 2024, 04:30:44 AM]

by ASIF
[March 24, 2024, 04:26:39 AM]

by ASIF
[March 23, 2024, 08:50:46 AM]

[March 21, 2024, 07:59:38 PM]

[March 17, 2024, 02:01:29 PM]
Yoindia Shayariadab Copyright © MGCyber Group All Rights Reserved
Terms of Use| Privacy Policy Powered by PHP MySQL SMF© Simple Machines LLC
Page created in 0.171 seconds with 24 queries.
[x] Join now community of 8498 Real Poets and poetry admirer