पत्नियों का अपने पति से वार्तालाप। आर के रस्तोगी

by Ram Krishan Rastogi on September 08, 2020, 02:41:51 PM
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विभिन्न पत्नियों के विभिन्न वार्तालाप अपने पतियों से
*********************
पायलट की पत्नी बोली अपने पति से,
ज्यादा हवा में मत उडो,
मै तुम्हे तो ही उड़ा दूंगी
ज्यादा तीन दो पांच मत करो
तुम्हे तो मुंह से सीटी बजाकर
हवा में उड़ा दूंगी।

अध्यापक की पत्नी बोली
मुझे ज्यादा मत पढ़ाओ,
मै तो पढ़ी पढ़ाई आईं हूं
तुम जैसे मास्टरों की तो
हेड मास्टरनी बनकर आई हूं।

पेंटर की बीबी बोली
ज्यादा रंग मत घोल।
मुझसे ठीक ठीक बोल
वरना इन्हीं रंगो से
तेरा थोबड़ा रंग दूंगी।

धोबी की बीबी बोली
जा जा अपने घाट पर जा
इधर तू जरा भी नहीं आ
अगर आ गया तू इधर
तुझे जड़ से ही धो दूंगी।

नाटक करने वाले की बोली
इधर ज्यादा नाटक मत कर
करना है तो स्टेज पर  कर
अगर यहां नाटक किया तो
तेरा ही नाटक बना दूंगी।

डेंटिस्ट की बीबी बोली,
अपनी डाक्टरी मत दिखा
और अपनी बतिसी मत दिखा
नहीं तो तेरी बातिसी निकाल
तेरे हाथ में हाथ में दे दूंगी।

सी ए की बीबी बोली
मुझसे ज्यादा हिसाब मत कर
तेरा प्रोफिट एंड लोस बना
तेरी बैलेंस सीट बना दूंगी।

आर्किटेक्ट की बीबी बोली
ढंग से रहो मेरे तुम साथ
वरना इन्हीं पैमाने पेंसिल से
तेरे मुंह पर नक्शा बना दूंगी।

बिल्डर की बीबी बोली
अपनी तू औकात में रह
नहीं तो लेबर के सामने ही
तेरी ईट से ईट बजा दूंगी।

आर के रस्तोगी
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«Reply #1 on: September 08, 2020, 03:42:28 PM »
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विभिन्न पत्नियों के विभिन्न वार्तालाप अपने पतियों से
*********************
पायलट की पत्नी बोली अपने पति से,
ज्यादा हवा में मत उडो,
मै तुम्हे तो ही उड़ा दूंगी
ज्यादा तीन दो पांच मत करो
तुम्हे तो मुंह से सीटी बजाकर
हवा में उड़ा दूंगी।

अध्यापक की पत्नी बोली
मुझे ज्यादा मत पढ़ाओ,
मै तो पढ़ी पढ़ाई आईं हूं
तुम जैसे मास्टरों की तो
हेड मास्टरनी बनकर आई हूं।

पेंटर की बीबी बोली
ज्यादा रंग मत घोल।
मुझसे ठीक ठीक बोल
वरना इन्हीं रंगो से
तेरा थोबड़ा रंग दूंगी।

धोबी की बीबी बोली
जा जा अपने घाट पर जा
इधर तू जरा भी नहीं आ
अगर आ गया तू इधर
तुझे जड़ से ही धो दूंगी।

नाटक करने वाले की बोली
इधर ज्यादा नाटक मत कर
करना है तो स्टेज पर  कर
अगर यहां नाटक किया तो
तेरा ही नाटक बना दूंगी।

डेंटिस्ट की बीबी बोली,
अपनी डाक्टरी मत दिखा
और अपनी बतिसी मत दिखा
नहीं तो तेरी बातिसी निकाल
तेरे हाथ में हाथ में दे दूंगी।

सी ए की बीबी बोली
मुझसे ज्यादा हिसाब मत कर
तेरा प्रोफिट एंड लोस बना
तेरी बैलेंस सीट बना दूंगी।

आर्किटेक्ट की बीबी बोली
ढंग से रहो मेरे तुम साथ
वरना इन्हीं पैमाने पेंसिल से
तेरे मुंह पर नक्शा बना दूंगी।

बिल्डर की बीबी बोली
अपनी तू औकात में रह
नहीं तो लेबर के सामने ही
तेरी ईट से ईट बजा दूंगी।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

Waah kyaa baat hai.
Shayar kee beewee boli
band kar tu lafzon kee heraa pheri
kahin meree zuban-shamsheer chal gayee
to teraa thoprhaa kaat tere haath pakrhaa doon gee.
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«Reply #2 on: September 08, 2020, 11:07:55 PM »
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श्री सुरेंद्रन जी के इस कविता मै कुछ लाईनें जोड़ने के लिए धन्यवाद।
अभी जीवन के कुछ प्रोफेशनल पात्र और रह गए हैं उन पर भी लिखना बाकी है फिलहाल कवि की बीबी क्या बोली यह बताता हूं।

कवि की बीबी बोली,
कविता सुनाने के बहाने,
कविता से मिलने जाते हो,
अब पता मुझे चल गया है
क्यो रात को देर से आते हो।।
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«Reply #3 on: September 09, 2020, 01:52:26 AM »
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श्री सुरेंद्रन जी के इस कविता मै कुछ लाईनें जोड़ने के लिए धन्यवाद।
अभी जीवन के कुछ प्रोफेशनल पात्र और रह गए हैं उन पर भी लिखना बाकी है फिलहाल कवि की बीबी क्या बोली यह बताता हूं।

कवि की बीबी बोली,
कविता सुनाने के बहाने,
कविता से मिलने जाते हो,
अब पता मुझे चल गया है
क्यो रात को देर से आते हो।।
wah wah waah bahut khoob.
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