बड़े अरमान है की मखमली

by anil kumar aksh on March 19, 2011, 01:52:37 PM
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anil kumar aksh
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बड़े अरमान है की मखमली गालो को रंग डालू ।
की वो हँसते रहे हँसते हुवे उनपे मै रंग डालू ॥
की ख्वाबो की कोई ताबीर हो जाती है होने दो ।
वो मुझको अपने रंग दे दे मै उनपे अपने रंग डालू ॥

जो है अरमान पिछले अबकी होली में मिटा लेना ।
की उनके मखमली गालो पे थोडा रंग लगा लेना ।।
अगर शर्मा रहे है तो कोई अब बात मत करना ।
मचलती जुल्फ पर उनके कोई महफ़िल सजा लेना ॥

की उनके रंग सा अपना कोई रंग तुम मिला लेना ।
जो हो दस्तूर होली के वो सब मिल कर निभा लेना।।
हमारा क्या है हम अनजान है मत जानना हमको ।
की जब सब कुछ पता हो जाय तो हमसे बता लेना ॥

खबर अब पूछने की क्या जरुरत है की होली है ।
जो मेरे साथ थी अब तक वो उनके साथ होली है ॥
ये है दस्तूर मिलते है गले सब भूल कर शिकवे ।
अगर उनसे न मिल पाए यू होली पे क्या होली है ।।

अगर इस बार होली में गले मिल लो तो क्या होगा ।
मचलती जुल्फ में अरमान तुम भर लो तो क्या होगा ॥
अनिल रहने भी दो महफ़िल में आये है वो शर्मा के ।
इशारो से सही एक बार कुछ कर दो तो क्या होगा ॥
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yeshvant nranjan
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«Reply #1 on: March 19, 2011, 07:51:36 PM »
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बड़े अरमान है की मखमली गालो को रंग डालू ।
की वो हँसते रहे हँसते हुवे उनपे मै रंग डालू ॥
की ख्वाबो की कोई ताबीर हो जाती है होने दो ।
वो मुझको अपने रंग दे दे मै उनपे अपने रंग डालू ॥

जो है अरमान पिछले अबकी होली में मिटा लेना ।
की उनके मखमली गालो पे थोडा रंग लगा लेना ।।
अगर शर्मा रहे है तो कोई अब बात मत करना ।
मचलती जुल्फ पर उनके कोई महफ़िल सजा लेना ॥

की उनके रंग सा अपना कोई रंग तुम मिला लेना ।
जो हो दस्तूर होली के वो सब मिल कर निभा लेना।।
हमारा क्या है हम अनजान है मत जानना हमको ।
की जब सब कुछ पता हो जाय तो हमसे बता लेना ॥

खबर अब पूछने की क्या जरुरत है की होली है ।
जो मेरे साथ थी अब तक वो उनके साथ होली है ॥
ये है दस्तूर मिलते है गले सब भूल कर शिकवे ।
अगर उनसे न मिल पाए यू होली पे क्या होली है ।।

अगर इस बार होली में गले मिल लो तो क्या होगा ।
मचलती जुल्फ में अरमान तुम भर लो तो क्या होगा ॥
अनिल रहने भी दो महफ़िल में आये है वो शर्मा के ।
इशारो से सही एक बार कुछ कर दो तो क्या होगा ॥
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yeshvant nranjan
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«Reply #2 on: March 19, 2011, 07:52:36 PM »
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yeshvant nranjan
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«Reply #3 on: March 19, 2011, 07:54:11 PM »
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बड़े अरमान है की मखमली गालो को रंग डालू ।
की वो हँसते रहे हँसते हुवे उनपे मै रंग डालू ॥
की ख्वाबो की कोई ताबीर हो जाती है होने दो ।
वो मुझको अपने रंग दे दे मै उनपे अपने रंग डालू ॥

जो है अरमान पिछले अबकी होली में मिटा लेना ।
की उनके मखमली गालो पे थोडा रंग लगा लेना ।।
अगर शर्मा रहे है तो कोई अब बात मत करना ।
मचलती जुल्फ पर उनके कोई महफ़िल सजा लेना ॥

की उनके रंग सा अपना कोई रंग तुम मिला लेना ।
जो हो दस्तूर होली के वो सब मिल कर निभा लेना।।
हमारा क्या है हम अनजान है मत जानना हमको ।
की जब सब कुछ पता हो जाय तो हमसे बता लेना ॥

खबर अब पूछने की क्या जरुरत है की होली है ।
जो मेरे साथ थी अब तक वो उनके साथ होली है ॥
ये है दस्तूर मिलते है गले सब भूल कर शिकवे ।
अगर उनसे न मिल पाए यू होली पे क्या होली है ।।

अगर इस बार होली में गले मिल लो तो क्या होगा ।
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