Chal Gayi by Shail Chaturvedi

by Vikk on October 04, 2009, 01:38:50 PM
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Vikk
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वैसे तो एक शरीफ इंसान हूँ

आप ही की तरह श्रीमान हूँ

मगर अपनी आंख से

बहुत परेशान हूँ

अपने आप चलती है

लोग समझते हैं -- चलाई गई है

जान-बूझ कर मिलाई गई है।


एक बार बचपन में

शायद सन पचपन में

क्लास में

एक लड़की बैठी थी पास में

नाम था सुरेखा

उसने हमें देखा

और बांई चल गई

लड़की हाय-हाय

क्लास छोड़ बाहर निकल गई।


थोड़ी देर बाद

हमें है याद

प्रिंसिपल ने बुलाया

लंबा-चौड़ा लेक्चर पिलाया

हमने कहा कि जी भूल हो गई

वो बोल - ऐसा भी होता है भूल में

शर्म नहीं आती

ऐसी गंदी हरकतें करते हो,

स्कूल में?

और इससे पहले कि

हकीकत बयान करते

कि फिर चल गई

प्रिंसिपल को खल गई।

हुआ यह परिणाम

कट गया नाम

बमुश्किल तमाम

मिला एक काम।


इंटरव्यूह में, खड़े थे क्यू में

एक लड़की थी सामने अड़ी

अचानक मुड़ी

नजर उसकी हम पर पड़ी

और आंख चल गई

लड़की उछल गई

दूसरे उम्मीदवार चौंके

उस लडकी की साईड लेकर

हम पर भौंके

फिर क्या था

मार-मार जूते-चप्पल

फोड़ दिया बक्कल

सिर पर पांव रखकर भागे

लोग-बाग पीछे, हम आगे

घबराहट में घुस गये एक घर में

भयंकर पीड़ा थी सिर में

बुरी तरह हांफ रहे थे

मारे डर के कांप रहे थे

तभी पूछा उस गृहणी ने --

कौन ?

हम खड़े रहे मौन

वो बोली

बताते हो या किसी को बुलाऊँ ?

और उससे पहले

कि जबान हिलाऊँ

चल गई

वह मारे गुस्से के

जल गई

साक्षात दुर्गा-सी दीखी

बुरी तरह चीखी

बात की बात में जुड़ गये अड़ोसी-पड़ोसी

मौसा-मौसी

भतीजे-मामा

मच गया हंगामा

चड्डी बना दिया हमारा पजामा

बनियान बन गया कुर्ता

मार-मार बना दिया भुरता

हम चीखते रहे

और पीटने वाले

हमें पीटते रहे

भगवान जाने कब तक

निकालते रहे रोष

और जब हमें आया होश

तो देखा अस्पताल में पड़े थे

डाक्टर और नर्स घेरे खड़े थे

हमने अपनी एक आंख खोली

तो एक नर्स बोली

दर्द कहां है?

हम कहां कहां बताते

और इससे पहले कि कुछ कह पाते

चल गई

नर्स कुछ नहीं बोली

बाइ गॉड ! (चल गई)

मगर डाक्टर को खल गई

बोला --

इतने सीरियस हो

फिर भी ऐसी हरकत कर लेते हो

इस हाल में शर्म नहीं आती

मोहब्बत करते हुए

अस्पताल में?

उन सबके जाते ही आया वार्ड-बॉय

देने लगा अपनी राय

भाग जाएं चुपचाप

नहीं जानते आप

बढ़ गई है बात

डाक्टर को गड़ गई है

केस आपका बिगड़वा देगा

न हुआ तो मरा बताकर

जिंदा ही गड़वा देगा।

तब अंधेरे में आंखें मूंदकर

खिड़की के कूदकर भाग आए

जान बची तो लाखों पाये।


एक दिन सकारे

बाप जी हमारे

बोले हमसे --

अब क्या कहें तुमसे ?

कुछ नहीं कर सकते

तो शादी कर लो

लड़की देख लो।

मैंने देख ली है

जरा हैल्थ की कच्ची है

बच्ची है, फिर भी अच्छी है

जैसी भी, आखिर लड़की है

बड़े घर की है, फिर बेटा

यहां भी तो कड़की है।

हमने कहा --

जी अभी क्या जल्दी है?

वे बोले --

गधे हो

ढाई मन के हो गये

मगर बाप के सीने पर लदे हो

वह घर फंस गया तो संभल जाओगे।


तब एक दिन भगवान से मिल के

धड़कता दिल ले

पहुंच गए रुड़की, देखने लड़की

शायद हमारी होने वाली सास

बैठी थी हमारे पास

बोली --

यात्रा में तकलीफ तो नहीं हुई

और आंख मुई चल गई

वे समझी कि मचल गई

बोली --

लड़की तो अंदर है

मैं लड़की की मां हूँ

लड़की को बुलाऊँ

और इससे पहले कि मैं जुबान हिलाऊँ

आंख चल गई दुबारा

उन्होंने किसी का नाम ले पुकारा

झटके से खड़ी हो गईं

हम जैसे गए थे लौट आए

घर पहुंचे मुंह लटकाए

पिता जी बोले --

अब क्या फायदा

मुंह लटकाने से

आग लगे ऐसी जवानी में

डूब मरो चुल्लू भर पानी में

नहीं डूब सकते तो आंखें फोड़ लो

नहीं फोड़ सकते हमसे नाता ही तोड़ लो

जब भी कहीं जाते हो

पिटकर ही आते हो

भगवान जाने कैसे चलाते हो?


अब आप ही बताइये

क्या करूं?

कहां जाऊं?

कहां तक गुन गांऊं अपनी इस आंख के

कमबख्त जूते खिलवाएगी

लाख-दो-लाख के।

अब आप ही संभालिये

मेरा मतलब है कि कोई रास्ता निकालिये

जवान हो या वृद्धा पूरी हो या अद्धा

केवल एक लड़की

जिसकी एक आंख चलती हो

पता लगाइये

और मिल जाये तो

हमारे आदरणीय 'काका' जी को बताइये।
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Rishi Agarwal
Guest
«Reply #1 on: October 04, 2009, 01:57:39 PM »
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 Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Winking Winking Winking Winking Winking Winking Winking Winking Winking Winking Winking Winking Winking Winking Winking Winking Winking Winking Winking
Chal Gai
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Vikk
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«Reply #2 on: October 05, 2009, 01:02:36 PM »
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Yeah...seriously Shail Chaturvedi ji ki hasya kavitaye unrivalled hain  Laughing hard Giggle
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niel
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«Reply #3 on: September 08, 2010, 12:44:11 PM »
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वैसे तो एक शरीफ इंसान हूँ

आप ही की तरह श्रीमान हूँ

मगर अपनी आंख से

बहुत परेशान हूँ

अपने आप चलती है

लोग समझते हैं -- चलाई गई है

जान-बूझ कर मिलाई गई है।


एक बार बचपन में

शायद सन पचपन में

क्लास में

एक लड़की बैठी थी पास में

नाम था सुरेखा

उसने हमें देखा

और बांई चल गई

लड़की हाय-हाय

क्लास छोड़ बाहर निकल गई।


थोड़ी देर बाद

हमें है याद

प्रिंसिपल ने बुलाया

लंबा-चौड़ा लेक्चर पिलाया

हमने कहा कि जी भूल हो गई

वो बोल - ऐसा भी होता है भूल में

शर्म नहीं आती

ऐसी गंदी हरकतें करते हो,

स्कूल में?

और इससे पहले कि

हकीकत बयान करते

कि फिर चल गई

प्रिंसिपल को खल गई।

हुआ यह परिणाम

कट गया नाम

बमुश्किल तमाम

मिला एक काम।


इंटरव्यूह में, खड़े थे क्यू में

एक लड़की थी सामने अड़ी

अचानक मुड़ी

नजर उसकी हम पर पड़ी

और आंख चल गई

लड़की उछल गई

दूसरे उम्मीदवार चौंके

उस लडकी की साईड लेकर

हम पर भौंके

फिर क्या था

मार-मार जूते-चप्पल

फोड़ दिया बक्कल

सिर पर पांव रखकर भागे

लोग-बाग पीछे, हम आगे

घबराहट में घुस गये एक घर में

भयंकर पीड़ा थी सिर में

बुरी तरह हांफ रहे थे

मारे डर के कांप रहे थे

तभी पूछा उस गृहणी ने --

कौन ?

हम खड़े रहे मौन

वो बोली

बताते हो या किसी को बुलाऊँ ?

और उससे पहले

कि जबान हिलाऊँ

चल गई

वह मारे गुस्से के

जल गई

साक्षात दुर्गा-सी दीखी

बुरी तरह चीखी

बात की बात में जुड़ गये अड़ोसी-पड़ोसी

मौसा-मौसी

भतीजे-मामा

मच गया हंगामा

चड्डी बना दिया हमारा पजामा

बनियान बन गया कुर्ता

मार-मार बना दिया भुरता

हम चीखते रहे

और पीटने वाले

हमें पीटते रहे

भगवान जाने कब तक

निकालते रहे रोष

और जब हमें आया होश

तो देखा अस्पताल में पड़े थे

डाक्टर और नर्स घेरे खड़े थे

हमने अपनी एक आंख खोली

तो एक नर्स बोली

दर्द कहां है?

हम कहां कहां बताते

और इससे पहले कि कुछ कह पाते

चल गई

नर्स कुछ नहीं बोली

बाइ गॉड ! (चल गई)

मगर डाक्टर को खल गई

बोला --

इतने सीरियस हो

फिर भी ऐसी हरकत कर लेते हो

इस हाल में शर्म नहीं आती

मोहब्बत करते हुए

अस्पताल में?

उन सबके जाते ही आया वार्ड-बॉय

देने लगा अपनी राय

भाग जाएं चुपचाप

नहीं जानते आप

बढ़ गई है बात

डाक्टर को गड़ गई है

केस आपका बिगड़वा देगा

न हुआ तो मरा बताकर

जिंदा ही गड़वा देगा।

तब अंधेरे में आंखें मूंदकर

खिड़की के कूदकर भाग आए

जान बची तो लाखों पाये।


एक दिन सकारे

बाप जी हमारे

बोले हमसे --

अब क्या कहें तुमसे ?

कुछ नहीं कर सकते

तो शादी कर लो

लड़की देख लो।

मैंने देख ली है

जरा हैल्थ की कच्ची है

बच्ची है, फिर भी अच्छी है

जैसी भी, आखिर लड़की है

बड़े घर की है, फिर बेटा

यहां भी तो कड़की है।

हमने कहा --

जी अभी क्या जल्दी है?

वे बोले --

गधे हो

ढाई मन के हो गये

मगर बाप के सीने पर लदे हो

वह घर फंस गया तो संभल जाओगे।


तब एक दिन भगवान से मिल के

धड़कता दिल ले

पहुंच गए रुड़की, देखने लड़की

शायद हमारी होने वाली सास

बैठी थी हमारे पास

बोली --

यात्रा में तकलीफ तो नहीं हुई

और आंख मुई चल गई

वे समझी कि मचल गई

बोली --

लड़की तो अंदर है

मैं लड़की की मां हूँ

लड़की को बुलाऊँ

और इससे पहले कि मैं जुबान हिलाऊँ

आंख चल गई दुबारा

उन्होंने किसी का नाम ले पुकारा

झटके से खड़ी हो गईं

हम जैसे गए थे लौट आए

घर पहुंचे मुंह लटकाए

पिता जी बोले --

अब क्या फायदा

मुंह लटकाने से

आग लगे ऐसी जवानी में

डूब मरो चुल्लू भर पानी में

नहीं डूब सकते तो आंखें फोड़ लो

नहीं फोड़ सकते हमसे नाता ही तोड़ लो

जब भी कहीं जाते हो

पिटकर ही आते हो

भगवान जाने कैसे चलाते हो?


अब आप ही बताइये

क्या करूं?

कहां जाऊं?

कहां तक गुन गांऊं अपनी इस आंख के

कमबख्त जूते खिलवाएगी

लाख-दो-लाख के।

अब आप ही संभालिये

मेरा मतलब है कि कोई रास्ता निकालिये

जवान हो या वृद्धा पूरी हो या अद्धा

केवल एक लड़की

जिसकी एक आंख चलती हो

पता लगाइये

और मिल जाये तो

हमारे आदरणीय 'काका' जी को बताइये।

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«Reply #4 on: October 20, 2010, 04:30:31 PM »
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वैसे तो एक शरीफ इंसान हूँ

आप ही की तरह श्रीमान हूँ

मगर अपनी आंख से

बहुत परेशान हूँ

अपने आप चलती है

लोग समझते हैं -- चलाई गई है

जान-बूझ कर मिलाई गई है।


एक बार बचपन में

शायद सन पचपन में

क्लास में

एक लड़की बैठी थी पास में

नाम था सुरेखा

उसने हमें देखा

और बांई चल गई

लड़की हाय-हाय

क्लास छोड़ बाहर निकल गई।


थोड़ी देर बाद

हमें है याद

प्रिंसिपल ने बुलाया

लंबा-चौड़ा लेक्चर पिलाया

हमने कहा कि जी भूल हो गई

वो बोल - ऐसा भी होता है भूल में

शर्म नहीं आती

ऐसी गंदी हरकतें करते हो,

स्कूल में?

और इससे पहले कि

हकीकत बयान करते

कि फिर चल गई

प्रिंसिपल को खल गई।

हुआ यह परिणाम

कट गया नाम

बमुश्किल तमाम

मिला एक काम।


इंटरव्यूह में, खड़े थे क्यू में

एक लड़की थी सामने अड़ी

अचानक मुड़ी

नजर उसकी हम पर पड़ी

और आंख चल गई

लड़की उछल गई

दूसरे उम्मीदवार चौंके

उस लडकी की साईड लेकर

हम पर भौंके

फिर क्या था

मार-मार जूते-चप्पल

फोड़ दिया बक्कल

सिर पर पांव रखकर भागे

लोग-बाग पीछे, हम आगे

घबराहट में घुस गये एक घर में

भयंकर पीड़ा थी सिर में

बुरी तरह हांफ रहे थे

मारे डर के कांप रहे थे

तभी पूछा उस गृहणी ने --

कौन ?

हम खड़े रहे मौन

वो बोली

बताते हो या किसी को बुलाऊँ ?

और उससे पहले

कि जबान हिलाऊँ

चल गई

वह मारे गुस्से के

जल गई

साक्षात दुर्गा-सी दीखी

बुरी तरह चीखी

बात की बात में जुड़ गये अड़ोसी-पड़ोसी

मौसा-मौसी

भतीजे-मामा

मच गया हंगामा

चड्डी बना दिया हमारा पजामा

बनियान बन गया कुर्ता

मार-मार बना दिया भुरता

हम चीखते रहे

और पीटने वाले

हमें पीटते रहे

भगवान जाने कब तक

निकालते रहे रोष

और जब हमें आया होश

तो देखा अस्पताल में पड़े थे

डाक्टर और नर्स घेरे खड़े थे

हमने अपनी एक आंख खोली

तो एक नर्स बोली

दर्द कहां है?

हम कहां कहां बताते

और इससे पहले कि कुछ कह पाते

चल गई

नर्स कुछ नहीं बोली

बाइ गॉड ! (चल गई)

मगर डाक्टर को खल गई

बोला --

इतने सीरियस हो

फिर भी ऐसी हरकत कर लेते हो

इस हाल में शर्म नहीं आती

मोहब्बत करते हुए

अस्पताल में?

उन सबके जाते ही आया वार्ड-बॉय

देने लगा अपनी राय

भाग जाएं चुपचाप

नहीं जानते आप

बढ़ गई है बात

डाक्टर को गड़ गई है

केस आपका बिगड़वा देगा

न हुआ तो मरा बताकर

जिंदा ही गड़वा देगा।

तब अंधेरे में आंखें मूंदकर

खिड़की के कूदकर भाग आए

जान बची तो लाखों पाये।


एक दिन सकारे

बाप जी हमारे

बोले हमसे --

अब क्या कहें तुमसे ?

कुछ नहीं कर सकते

तो शादी कर लो

लड़की देख लो।

मैंने देख ली है

जरा हैल्थ की कच्ची है

बच्ची है, फिर भी अच्छी है

जैसी भी, आखिर लड़की है

बड़े घर की है, फिर बेटा

यहां भी तो कड़की है।

हमने कहा --

जी अभी क्या जल्दी है?

वे बोले --

गधे हो

ढाई मन के हो गये

मगर बाप के सीने पर लदे हो

वह घर फंस गया तो संभल जाओगे।


तब एक दिन भगवान से मिल के

धड़कता दिल ले

पहुंच गए रुड़की, देखने लड़की

शायद हमारी होने वाली सास

बैठी थी हमारे पास

बोली --

यात्रा में तकलीफ तो नहीं हुई

और आंख मुई चल गई

वे समझी कि मचल गई

बोली --

लड़की तो अंदर है

मैं लड़की की मां हूँ

लड़की को बुलाऊँ

और इससे पहले कि मैं जुबान हिलाऊँ

आंख चल गई दुबारा

उन्होंने किसी का नाम ले पुकारा

झटके से खड़ी हो गईं

हम जैसे गए थे लौट आए

घर पहुंचे मुंह लटकाए

पिता जी बोले --

अब क्या फायदा

मुंह लटकाने से

आग लगे ऐसी जवानी में

डूब मरो चुल्लू भर पानी में

नहीं डूब सकते तो आंखें फोड़ लो

नहीं फोड़ सकते हमसे नाता ही तोड़ लो

जब भी कहीं जाते हो

पिटकर ही आते हो

भगवान जाने कैसे चलाते हो?


अब आप ही बताइये

क्या करूं?

कहां जाऊं?

कहां तक गुन गांऊं अपनी इस आंख के

कमबख्त जूते खिलवाएगी

लाख-दो-लाख के।

अब आप ही संभालिये

मेरा मतलब है कि कोई रास्ता निकालिये

जवान हो या वृद्धा पूरी हो या अद्धा

केवल एक लड़की

जिसकी एक आंख चलती हो

पता लगाइये

और मिल जाये तो

हमारे आदरणीय 'काका' जी को बताइये। [/color][/b]
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archana jha
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«Reply #5 on: October 24, 2010, 02:34:31 PM »
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 happy3 Applause Giggle Laughing hard
वैसे तो एक शरीफ इंसान हूँ

आप ही की तरह श्रीमान हूँ

मगर अपनी आंख से

बहुत परेशान हूँ

अपने आप चलती है

लोग समझते हैं -- चलाई गई है

जान-बूझ कर मिलाई गई है।


एक बार बचपन में

शायद सन पचपन में

क्लास में

एक लड़की बैठी थी पास में

नाम था सुरेखा

उसने हमें देखा

और बांई चल गई

लड़की हाय-हाय

क्लास छोड़ बाहर निकल गई।


थोड़ी देर बाद

हमें है याद

प्रिंसिपल ने बुलाया

लंबा-चौड़ा लेक्चर पिलाया

हमने कहा कि जी भूल हो गई

वो बोल - ऐसा भी होता है भूल में

शर्म नहीं आती

ऐसी गंदी हरकतें करते हो,

स्कूल में?

और इससे पहले कि

हकीकत बयान करते

कि फिर चल गई

प्रिंसिपल को खल गई।

हुआ यह परिणाम

कट गया नाम

बमुश्किल तमाम

मिला एक काम।


इंटरव्यूह में, खड़े थे क्यू में

एक लड़की थी सामने अड़ी

अचानक मुड़ी

नजर उसकी हम पर पड़ी

और आंख चल गई

लड़की उछल गई

दूसरे उम्मीदवार चौंके

उस लडकी की साईड लेकर

हम पर भौंके

फिर क्या था

मार-मार जूते-चप्पल

फोड़ दिया बक्कल

सिर पर पांव रखकर भागे

लोग-बाग पीछे, हम आगे

घबराहट में घुस गये एक घर में

भयंकर पीड़ा थी सिर में

बुरी तरह हांफ रहे थे

मारे डर के कांप रहे थे

तभी पूछा उस गृहणी ने --

कौन ?

हम खड़े रहे मौन

वो बोली

बताते हो या किसी को बुलाऊँ ?

और उससे पहले

कि जबान हिलाऊँ

चल गई

वह मारे गुस्से के

जल गई

साक्षात दुर्गा-सी दीखी

बुरी तरह चीखी

बात की बात में जुड़ गये अड़ोसी-पड़ोसी

मौसा-मौसी

भतीजे-मामा

मच गया हंगामा

चड्डी बना दिया हमारा पजामा

बनियान बन गया कुर्ता

मार-मार बना दिया भुरता

हम चीखते रहे

और पीटने वाले

हमें पीटते रहे

भगवान जाने कब तक

निकालते रहे रोष

और जब हमें आया होश

तो देखा अस्पताल में पड़े थे

डाक्टर और नर्स घेरे खड़े थे

हमने अपनी एक आंख खोली

तो एक नर्स बोली

दर्द कहां है?

हम कहां कहां बताते

और इससे पहले कि कुछ कह पाते

चल गई

नर्स कुछ नहीं बोली

बाइ गॉड ! (चल गई)

मगर डाक्टर को खल गई

बोला --

इतने सीरियस हो

फिर भी ऐसी हरकत कर लेते हो

इस हाल में शर्म नहीं आती

मोहब्बत करते हुए

अस्पताल में?

उन सबके जाते ही आया वार्ड-बॉय

देने लगा अपनी राय

भाग जाएं चुपचाप

नहीं जानते आप

बढ़ गई है बात

डाक्टर को गड़ गई है

केस आपका बिगड़वा देगा

न हुआ तो मरा बताकर

जिंदा ही गड़वा देगा।

तब अंधेरे में आंखें मूंदकर

खिड़की के कूदकर भाग आए

जान बची तो लाखों पाये।


एक दिन सकारे

बाप जी हमारे

बोले हमसे --

अब क्या कहें तुमसे ?

कुछ नहीं कर सकते

तो शादी कर लो

लड़की देख लो।

मैंने देख ली है

जरा हैल्थ की कच्ची है

बच्ची है, फिर भी अच्छी है

जैसी भी, आखिर लड़की है

बड़े घर की है, फिर बेटा

यहां भी तो कड़की है।

हमने कहा --

जी अभी क्या जल्दी है?

वे बोले --

गधे हो

ढाई मन के हो गये

मगर बाप के सीने पर लदे हो

वह घर फंस गया तो संभल जाओगे।


तब एक दिन भगवान से मिल के

धड़कता दिल ले

पहुंच गए रुड़की, देखने लड़की

शायद हमारी होने वाली सास

बैठी थी हमारे पास

बोली --

यात्रा में तकलीफ तो नहीं हुई

और आंख मुई चल गई

वे समझी कि मचल गई

बोली --

लड़की तो अंदर है

मैं लड़की की मां हूँ

लड़की को बुलाऊँ

और इससे पहले कि मैं जुबान हिलाऊँ

आंख चल गई दुबारा

उन्होंने किसी का नाम ले पुकारा

झटके से खड़ी हो गईं

हम जैसे गए थे लौट आए

घर पहुंचे मुंह लटकाए

पिता जी बोले --

अब क्या फायदा

मुंह लटकाने से

आग लगे ऐसी जवानी में

डूब मरो चुल्लू भर पानी में

नहीं डूब सकते तो आंखें फोड़ लो

नहीं फोड़ सकते हमसे नाता ही तोड़ लो

जब भी कहीं जाते हो

पिटकर ही आते हो

भगवान जाने कैसे चलाते हो?


अब आप ही बताइये

क्या करूं?

कहां जाऊं?

कहां तक गुन गांऊं अपनी इस आंख के

कमबख्त जूते खिलवाएगी

लाख-दो-लाख के।

अब आप ही संभालिये

मेरा मतलब है कि कोई रास्ता निकालिये

जवान हो या वृद्धा पूरी हो या अद्धा

केवल एक लड़की

जिसकी एक आंख चलती हो

पता लगाइये

और मिल जाये तो

हमारे आदरणीय 'काका' जी को बताइये। [/color][/b]
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archana jha
Guest
«Reply #6 on: October 24, 2010, 02:36:08 PM »
Reply with quote
वैसे तो एक शरीफ इंसान हूँ

आप ही की तरह श्रीमान हूँ

मगर अपनी आंख से

बहुत परेशान हूँ

अपने आप चलती है

लोग समझते हैं -- चलाई गई है

जान-बूझ कर मिलाई गई है।


एक बार बचपन में

शायद सन पचपन में

क्लास में

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नाम था सुरेखा

उसने हमें देखा

और बांई चल गई

लड़की हाय-हाय

क्लास छोड़ बाहर निकल गई।


थोड़ी देर बाद

हमें है याद

प्रिंसिपल ने बुलाया

लंबा-चौड़ा लेक्चर पिलाया

हमने कहा कि जी भूल हो गई

वो बोल - ऐसा भी होता है भूल में

शर्म नहीं आती

ऐसी गंदी हरकतें करते हो,

स्कूल में?

और इससे पहले कि

हकीकत बयान करते

कि फिर चल गई

प्रिंसिपल को खल गई।

हुआ यह परिणाम

कट गया नाम

बमुश्किल तमाम

मिला एक काम।


इंटरव्यूह में, खड़े थे क्यू में

एक लड़की थी सामने अड़ी

अचानक मुड़ी

नजर उसकी हम पर पड़ी

और आंख चल गई

लड़की उछल गई

दूसरे उम्मीदवार चौंके

उस लडकी की साईड लेकर

हम पर भौंके

फिर क्या था

मार-मार जूते-चप्पल

फोड़ दिया बक्कल

सिर पर पांव रखकर भागे

लोग-बाग पीछे, हम आगे

घबराहट में घुस गये एक घर में

भयंकर पीड़ा थी सिर में

बुरी तरह हांफ रहे थे

मारे डर के कांप रहे थे

तभी पूछा उस गृहणी ने --

कौन ?

हम खड़े रहे मौन

वो बोली

बताते हो या किसी को बुलाऊँ ?

और उससे पहले

कि जबान हिलाऊँ

चल गई

वह मारे गुस्से के

जल गई

साक्षात दुर्गा-सी दीखी

बुरी तरह चीखी

बात की बात में जुड़ गये अड़ोसी-पड़ोसी

मौसा-मौसी

भतीजे-मामा

मच गया हंगामा

चड्डी बना दिया हमारा पजामा

बनियान बन गया कुर्ता

मार-मार बना दिया भुरता

हम चीखते रहे

और पीटने वाले

हमें पीटते रहे

भगवान जाने कब तक

निकालते रहे रोष

और जब हमें आया होश

तो देखा अस्पताल में पड़े थे

डाक्टर और नर्स घेरे खड़े थे

हमने अपनी एक आंख खोली

तो एक नर्स बोली

दर्द कहां है?

हम कहां कहां बताते

और इससे पहले कि कुछ कह पाते

चल गई

नर्स कुछ नहीं बोली

बाइ गॉड ! (चल गई)

मगर डाक्टर को खल गई

बोला --

इतने सीरियस हो

फिर भी ऐसी हरकत कर लेते हो

इस हाल में शर्म नहीं आती

मोहब्बत करते हुए

अस्पताल में?

उन सबके जाते ही आया वार्ड-बॉय

देने लगा अपनी राय

भाग जाएं चुपचाप

नहीं जानते आप

बढ़ गई है बात

डाक्टर को गड़ गई है

केस आपका बिगड़वा देगा

न हुआ तो मरा बताकर

जिंदा ही गड़वा देगा।

तब अंधेरे में आंखें मूंदकर

खिड़की के कूदकर भाग आए

जान बची तो लाखों पाये।


एक दिन सकारे

बाप जी हमारे

बोले हमसे --

अब क्या कहें तुमसे ?

कुछ नहीं कर सकते

तो शादी कर लो

लड़की देख लो।

मैंने देख ली है

जरा हैल्थ की कच्ची है

बच्ची है, फिर भी अच्छी है

जैसी भी, आखिर लड़की है

बड़े घर की है, फिर बेटा

यहां भी तो कड़की है।

हमने कहा --

जी अभी क्या जल्दी है?

वे बोले --

गधे हो

ढाई मन के हो गये

मगर बाप के सीने पर लदे हो

वह घर फंस गया तो संभल जाओगे।


तब एक दिन भगवान से मिल के

धड़कता दिल ले

पहुंच गए रुड़की, देखने लड़की

शायद हमारी होने वाली सास

बैठी थी हमारे पास

बोली --

यात्रा में तकलीफ तो नहीं हुई

और आंख मुई चल गई

वे समझी कि मचल गई

बोली --

लड़की तो अंदर है

मैं लड़की की मां हूँ

लड़की को बुलाऊँ

और इससे पहले कि मैं जुबान हिलाऊँ

आंख चल गई दुबारा

उन्होंने किसी का नाम ले पुकारा

झटके से खड़ी हो गईं

हम जैसे गए थे लौट आए

घर पहुंचे मुंह लटकाए

पिता जी बोले --

अब क्या फायदा

मुंह लटकाने से

आग लगे ऐसी जवानी में

डूब मरो चुल्लू भर पानी में

नहीं डूब सकते तो आंखें फोड़ लो

नहीं फोड़ सकते हमसे नाता ही तोड़ लो

जब भी कहीं जाते हो

पिटकर ही आते हो

भगवान जाने कैसे चलाते हो?


अब आप ही बताइये

क्या करूं?

कहां जाऊं?

कहां तक गुन गांऊं अपनी इस आंख के

कमबख्त जूते खिलवाएगी

लाख-दो-लाख के।

अब आप ही संभालिये

मेरा मतलब है कि कोई रास्ता निकालिये

जवान हो या वृद्धा पूरी हो या अद्धा

केवल एक लड़की

जिसकी एक आंख चलती हो

पता लगाइये

और मिल जाये तो

हमारे आदरणीय 'काका' जी को बताइये। [/color][/b]
 hello tongue3
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ashish chourasia
Guest
«Reply #7 on: January 02, 2011, 12:42:44 PM »
Reply with quote
aadmi sayar ban jata hai sayad jab use pyar ho jata hai
isliye sayari ko nagma aur jiske liye hai sayari use gajal kaha jata hai......
                     By:-    
                     Ashish Chourasia
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puneet gupta
Guest
«Reply #8 on: April 07, 2011, 06:46:32 AM »
Reply with quote
वैसे तो एक शरीफ इंसान हूँ

आप ही की तरह श्रीमान हूँ

मगर अपनी आंख से

बहुत परेशान हूँ

अपने आप चलती है

लोग समझते हैं -- चलाई गई है

जान-बूझ कर मिलाई गई है।


एक बार बचपन में

शायद सन पचपन में

क्लास में

एक लड़की बैठी थी पास में

नाम था सुरेखा

उसने हमें देखा

और बांई चल गई

लड़की हाय-हाय

क्लास छोड़ बाहर निकल गई।


थोड़ी देर बाद

हमें है याद

प्रिंसिपल ने बुलाया

लंबा-चौड़ा लेक्चर पिलाया

हमने कहा कि जी भूल हो गई

वो बोल - ऐसा भी होता है भूल में

शर्म नहीं आती

ऐसी गंदी हरकतें करते हो,

स्कूल में?

और इससे पहले कि

हकीकत बयान करते

कि फिर चल गई

प्रिंसिपल को खल गई।

हुआ यह परिणाम

कट गया नाम

बमुश्किल तमाम

मिला एक काम।


इंटरव्यूह में, खड़े थे क्यू में

एक लड़की थी सामने अड़ी

अचानक मुड़ी

नजर उसकी हम पर पड़ी

और आंख चल गई

लड़की उछल गई

दूसरे उम्मीदवार चौंके

उस लडकी की साईड लेकर

हम पर भौंके

फिर क्या था

मार-मार जूते-चप्पल

फोड़ दिया बक्कल

सिर पर पांव रखकर भागे

लोग-बाग पीछे, हम आगे

घबराहट में घुस गये एक घर में

भयंकर पीड़ा थी सिर में

बुरी तरह हांफ रहे थे

मारे डर के कांप रहे थे

तभी पूछा उस गृहणी ने --

कौन ?

हम खड़े रहे मौन

वो बोली

बताते हो या किसी को बुलाऊँ ?

और उससे पहले

कि जबान हिलाऊँ

चल गई

वह मारे गुस्से के

जल गई

साक्षात दुर्गा-सी दीखी

बुरी तरह चीखी

बात की बात में जुड़ गये अड़ोसी-पड़ोसी

मौसा-मौसी

भतीजे-मामा

मच गया हंगामा

चड्डी बना दिया हमारा पजामा

बनियान बन गया कुर्ता

मार-मार बना दिया भुरता

हम चीखते रहे

और पीटने वाले

हमें पीटते रहे

भगवान जाने कब तक

निकालते रहे रोष

और जब हमें आया होश

तो देखा अस्पताल में पड़े थे

डाक्टर और नर्स घेरे खड़े थे

हमने अपनी एक आंख खोली

तो एक नर्स बोली

दर्द कहां है?

हम कहां कहां बताते

और इससे पहले कि कुछ कह पाते

चल गई

नर्स कुछ नहीं बोली

बाइ गॉड ! (चल गई)

मगर डाक्टर को खल गई

बोला --

इतने सीरियस हो

फिर भी ऐसी हरकत कर लेते हो

इस हाल में शर्म नहीं आती

मोहब्बत करते हुए

अस्पताल में?

उन सबके जाते ही आया वार्ड-बॉय

देने लगा अपनी राय

भाग जाएं चुपचाप

नहीं जानते आप

बढ़ गई है बात

डाक्टर को गड़ गई है

केस आपका बिगड़वा देगा

न हुआ तो मरा बताकर

जिंदा ही गड़वा देगा।

तब अंधेरे में आंखें मूंदकर

खिड़की के कूदकर भाग आए

जान बची तो लाखों पाये।


एक दिन सकारे

बाप जी हमारे

बोले हमसे --

अब क्या कहें तुमसे ?

कुछ नहीं कर सकते

तो शादी कर लो

लड़की देख लो।

मैंने देख ली है

जरा हैल्थ की कच्ची है

बच्ची है, फिर भी अच्छी है

जैसी भी, आखिर लड़की है

बड़े घर की है, फिर बेटा

यहां भी तो कड़की है।

हमने कहा --

जी अभी क्या जल्दी है?

वे बोले --

गधे हो

ढाई मन के हो गये

मगर बाप के सीने पर लदे हो

वह घर फंस गया तो संभल जाओगे।


तब एक दिन भगवान से मिल के

धड़कता दिल ले

पहुंच गए रुड़की, देखने लड़की

शायद हमारी होने वाली सास

बैठी थी हमारे पास

बोली --

यात्रा में तकलीफ तो नहीं हुई

और आंख मुई चल गई

वे समझी कि मचल गई

बोली --

लड़की तो अंदर है

मैं लड़की की मां हूँ

लड़की को बुलाऊँ

और इससे पहले कि मैं जुबान हिलाऊँ

आंख चल गई दुबारा

उन्होंने किसी का नाम ले पुकारा

झटके से खड़ी हो गईं

हम जैसे गए थे लौट आए

घर पहुंचे मुंह लटकाए

पिता जी बोले --

अब क्या फायदा

मुंह लटकाने से

आग लगे ऐसी जवानी में

डूब मरो चुल्लू भर पानी में

नहीं डूब सकते तो आंखें फोड़ लो

नहीं फोड़ सकते हमसे नाता ही तोड़ लो

जब भी कहीं जाते हो

पिटकर ही आते हो

भगवान जाने कैसे चलाते हो?


अब आप ही बताइये

क्या करूं?

कहां जाऊं?

कहां तक गुन गांऊं अपनी इस आंख के

कमबख्त जूते खिलवाएगी

लाख-दो-लाख के।

अब आप ही संभालिये

मेरा मतलब है कि कोई रास्ता निकालिये

जवान हो या वृद्धा पूरी हो या अद्धा

केवल एक लड़की

जिसकी एक आंख चलती हो

पता लगाइये

और मिल जाये तो

हमारे आदरणीय 'काका' जी को बताइये।

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sbechain
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«Reply #9 on: April 07, 2011, 08:07:10 AM »
Reply with quote
vikki ji mindblowing Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard hans hans ke burihaalat ho gayi waah bhai Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard bahut khoob saath nibhaya aankh ne , ginn ginn kar pitwaya aankh ne Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard Laughing hard
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tarunchhabra
Guest
«Reply #10 on: July 24, 2011, 02:58:57 PM »
Reply with quote
वैसे तो एक शरीफ इंसान हूँ

आप ही की तरह श्रीमान हूँ

मगर अपनी आंख से

बहुत परेशान हूँ

अपने आप चलती है

लोग समझते हैं -- चलाई गई है

जान-बूझ कर मिलाई गई है।


एक बार बचपन में

शायद सन पचपन में

क्लास में

एक लड़की बैठी थी पास में

नाम था सुरेखा

उसने हमें देखा

और बांई चल गई

लड़की हाय-हाय

क्लास छोड़ बाहर निकल गई।


थोड़ी देर बाद

हमें है याद

प्रिंसिपल ने बुलाया

लंबा-चौड़ा लेक्चर पिलाया

हमने कहा कि जी भूल हो गई

वो बोल - ऐसा भी होता है भूल में

शर्म नहीं आती

ऐसी गंदी हरकतें करते हो,

स्कूल में?

और इससे पहले कि

हकीकत बयान करते

कि फिर चल गई

प्रिंसिपल को खल गई।

हुआ यह परिणाम

कट गया नाम

बमुश्किल तमाम

मिला एक काम।


इंटरव्यूह में, खड़े थे क्यू में

एक लड़की थी सामने अड़ी

अचानक मुड़ी

नजर उसकी हम पर पड़ी

और आंख चल गई

लड़की उछल गई

दूसरे उम्मीदवार चौंके

उस लडकी की साईड लेकर

हम पर भौंके

फिर क्या था

मार-मार जूते-चप्पल

फोड़ दिया बक्कल

सिर पर पांव रखकर भागे

लोग-बाग पीछे, हम आगे

घबराहट में घुस गये एक घर में

भयंकर पीड़ा थी सिर में

बुरी तरह हांफ रहे थे

मारे डर के कांप रहे थे

तभी पूछा उस गृहणी ने --

कौन ?

हम खड़े रहे मौन

वो बोली

बताते हो या किसी को बुलाऊँ ?

और उससे पहले

कि जबान हिलाऊँ

चल गई

वह मारे गुस्से के

जल गई

साक्षात दुर्गा-सी दीखी

बुरी तरह चीखी

बात की बात में जुड़ गये अड़ोसी-पड़ोसी

मौसा-मौसी

भतीजे-मामा

मच गया हंगामा

चड्डी बना दिया हमारा पजामा

बनियान बन गया कुर्ता

मार-मार बना दिया भुरता

हम चीखते रहे

और पीटने वाले

हमें पीटते रहे

भगवान जाने कब तक

निकालते रहे रोष

और जब हमें आया होश

तो देखा अस्पताल में पड़े थे

डाक्टर और नर्स घेरे खड़े थे

हमने अपनी एक आंख खोली

तो एक नर्स बोली

दर्द कहां है?

हम कहां कहां बताते

और इससे पहले कि कुछ कह पाते

चल गई

नर्स कुछ नहीं बोली

बाइ गॉड ! (चल गई)

मगर डाक्टर को खल गई

बोला --

इतने सीरियस हो

फिर भी ऐसी हरकत कर लेते हो

इस हाल में शर्म नहीं आती

मोहब्बत करते हुए

अस्पताल में?

उन सबके जाते ही आया वार्ड-बॉय

देने लगा अपनी राय

भाग जाएं चुपचाप

नहीं जानते आप

बढ़ गई है बात

डाक्टर को गड़ गई है

केस आपका बिगड़वा देगा

न हुआ तो मरा बताकर

जिंदा ही गड़वा देगा।

तब अंधेरे में आंखें मूंदकर

खिड़की के कूदकर भाग आए

जान बची तो लाखों पाये।


एक दिन सकारे

बाप जी हमारे

बोले हमसे --

अब क्या कहें तुमसे ?

कुछ नहीं कर सकते

तो शादी कर लो

लड़की देख लो।

मैंने देख ली है

जरा हैल्थ की कच्ची है

बच्ची है, फिर भी अच्छी है

जैसी भी, आखिर लड़की है

बड़े घर की है, फिर बेटा

यहां भी तो कड़की है।

हमने कहा --

जी अभी क्या जल्दी है?

वे बोले --

गधे हो

ढाई मन के हो गये

मगर बाप के सीने पर लदे हो

वह घर फंस गया तो संभल जाओगे।


तब एक दिन भगवान से मिल के

धड़कता दिल ले

पहुंच गए रुड़की, देखने लड़की

शायद हमारी होने वाली सास

बैठी थी हमारे पास

बोली --

यात्रा में तकलीफ तो नहीं हुई

और आंख मुई चल गई

वे समझी कि मचल गई

बोली --

लड़की तो अंदर है

मैं लड़की की मां हूँ

लड़की को बुलाऊँ

और इससे पहले कि मैं जुबान हिलाऊँ

आंख चल गई दुबारा

उन्होंने किसी का नाम ले पुकारा

झटके से खड़ी हो गईं

हम जैसे गए थे लौट आए

घर पहुंचे मुंह लटकाए

पिता जी बोले --

अब क्या फायदा

मुंह लटकाने से

आग लगे ऐसी जवानी में

डूब मरो चुल्लू भर पानी में

नहीं डूब सकते तो आंखें फोड़ लो

नहीं फोड़ सकते हमसे नाता ही तोड़ लो

जब भी कहीं जाते हो

पिटकर ही आते हो

भगवान जाने कैसे चलाते हो?


अब आप ही बताइये

क्या करूं?

कहां जाऊं?

कहां तक गुन गांऊं अपनी इस आंख के

कमबख्त जूते खिलवाएगी

लाख-दो-लाख के।

अब आप ही संभालिये

मेरा मतलब है कि कोई रास्ता निकालिये

जवान हो या वृद्धा पूरी हो या अद्धा

केवल एक लड़की

जिसकी एक आंख चलती हो

पता लगाइये

और मिल जाये तो

हमारे आदरणीय 'काका' जी को बताइये। [/color][/b]
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apoorv chahal
Guest
«Reply #11 on: August 01, 2011, 10:01:34 AM »
Reply with quote
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Chal Gai
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mukeshmalviya
Guest
«Reply #12 on: January 12, 2012, 11:45:17 AM »
Reply with quote
वैसे तो एक शरीफ इंसान हूँ

आप ही की तरह श्रीमान हूँ

मगर अपनी आंख से

बहुत परेशान हूँ

अपने आप चलती है

लोग समझते हैं -- चलाई गई है

जान-बूझ कर मिलाई गई है।


एक बार बचपन में

शायद सन पचपन में

क्लास में

एक लड़की बैठी थी पास में

नाम था सुरेखा

उसने हमें देखा

और बांई चल गई

लड़की हाय-हाय

क्लास छोड़ बाहर निकल गई।


थोड़ी देर बाद

हमें है याद

प्रिंसिपल ने बुलाया

लंबा-चौड़ा लेक्चर पिलाया

हमने कहा कि जी भूल हो गई

वो बोल - ऐसा भी होता है भूल में

शर्म नहीं आती

ऐसी गंदी हरकतें करते हो,

स्कूल में?

और इससे पहले कि

हकीकत बयान करते

कि फिर चल गई

प्रिंसिपल को खल गई।

हुआ यह परिणाम

कट गया नाम

बमुश्किल तमाम

मिला एक काम।


इंटरव्यूह में, खड़े थे क्यू में

एक लड़की थी सामने अड़ी

अचानक मुड़ी

नजर उसकी हम पर पड़ी

और आंख चल गई

लड़की उछल गई

दूसरे उम्मीदवार चौंके

उस लडकी की साईड लेकर

हम पर भौंके

फिर क्या था

मार-मार जूते-चप्पल

फोड़ दिया बक्कल

सिर पर पांव रखकर भागे

लोग-बाग पीछे, हम आगे

घबराहट में घुस गये एक घर में

भयंकर पीड़ा थी सिर में

बुरी तरह हांफ रहे थे

मारे डर के कांप रहे थे

तभी पूछा उस गृहणी ने --

कौन ?

हम खड़े रहे मौन

वो बोली

बताते हो या किसी को बुलाऊँ ?

और उससे पहले

कि जबान हिलाऊँ

चल गई

वह मारे गुस्से के

जल गई

साक्षात दुर्गा-सी दीखी

बुरी तरह चीखी

बात की बात में जुड़ गये अड़ोसी-पड़ोसी

मौसा-मौसी

भतीजे-मामा

मच गया हंगामा

चड्डी बना दिया हमारा पजामा

बनियान बन गया कुर्ता

मार-मार बना दिया भुरता

हम चीखते रहे

और पीटने वाले

हमें पीटते रहे

भगवान जाने कब तक

निकालते रहे रोष

और जब हमें आया होश

तो देखा अस्पताल में पड़े थे

डाक्टर और नर्स घेरे खड़े थे

हमने अपनी एक आंख खोली

तो एक नर्स बोली

दर्द कहां है?

हम कहां कहां बताते

और इससे पहले कि कुछ कह पाते

चल गई

नर्स कुछ नहीं बोली

बाइ गॉड ! (चल गई)

मगर डाक्टर को खल गई

बोला --

इतने सीरियस हो

फिर भी ऐसी हरकत कर लेते हो

इस हाल में शर्म नहीं आती

मोहब्बत करते हुए

अस्पताल में?

उन सबके जाते ही आया वार्ड-बॉय

देने लगा अपनी राय

भाग जाएं चुपचाप

नहीं जानते आप

बढ़ गई है बात

डाक्टर को गड़ गई है

केस आपका बिगड़वा देगा

न हुआ तो मरा बताकर

जिंदा ही गड़वा देगा।

तब अंधेरे में आंखें मूंदकर

खिड़की के कूदकर भाग आए

जान बची तो लाखों पाये।


एक दिन सकारे

बाप जी हमारे

बोले हमसे --

अब क्या कहें तुमसे ?

कुछ नहीं कर सकते

तो शादी कर लो

लड़की देख लो।

मैंने देख ली है

जरा हैल्थ की कच्ची है

बच्ची है, फिर भी अच्छी है

जैसी भी, आखिर लड़की है

बड़े घर की है, फिर बेटा

यहां भी तो कड़की है।

हमने कहा --

जी अभी क्या जल्दी है?

वे बोले --

गधे हो

ढाई मन के हो गये

मगर बाप के सीने पर लदे हो

वह घर फंस गया तो संभल जाओगे।


तब एक दिन भगवान से मिल के

धड़कता दिल ले

पहुंच गए रुड़की, देखने लड़की

शायद हमारी होने वाली सास

बैठी थी हमारे पास

बोली --

यात्रा में तकलीफ तो नहीं हुई

और आंख मुई चल गई

वे समझी कि मचल गई

बोली --

लड़की तो अंदर है

मैं लड़की की मां हूँ

लड़की को बुलाऊँ

और इससे पहले कि मैं जुबान हिलाऊँ

आंख चल गई दुबारा

उन्होंने किसी का नाम ले पुकारा

झटके से खड़ी हो गईं

हम जैसे गए थे लौट आए

घर पहुंचे मुंह लटकाए

पिता जी बोले --

अब क्या फायदा

मुंह लटकाने से

आग लगे ऐसी जवानी में

डूब मरो चुल्लू भर पानी में

नहीं डूब सकते तो आंखें फोड़ लो

नहीं फोड़ सकते हमसे नाता ही तोड़ लो

जब भी कहीं जाते हो

पिटकर ही आते हो

भगवान जाने कैसे चलाते हो?


अब आप ही बताइये

क्या करूं?

कहां जाऊं?

कहां तक गुन गांऊं अपनी इस आंख के

कमबख्त जूते खिलवाएगी

लाख-दो-लाख के।

अब आप ही संभालिये

मेरा मतलब है कि कोई रास्ता निकालिये

जवान हो या वृद्धा पूरी हो या अद्धा

केवल एक लड़की

जिसकी एक आंख चलती हो

पता लगाइये

और मिल जाये तो

हमारे आदरणीय 'काका' जी को बताइये। [/color][/b]
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kumar vaibhav shri
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«Reply #13 on: February 17, 2013, 03:12:10 PM »
Reply with quote
वैसे तो एक शरीफ इंसान हूँ

आप ही की तरह श्रीमान हूँ

मगर अपनी आंख से

बहुत परेशान हूँ

अपने आप चलती है

लोग समझते हैं -- चलाई गई है

जान-बूझ कर मिलाई गई है।


एक बार बचपन में

शायद सन पचपन में

क्लास में

एक लड़की बैठी थी पास में

नाम था सुरेखा

उसने हमें देखा

और बांई चल गई

लड़की हाय-हाय

क्लास छोड़ बाहर निकल गई।


थोड़ी देर बाद

हमें है याद

प्रिंसिपल ने बुलाया

लंबा-चौड़ा लेक्चर पिलाया

हमने कहा कि जी भूल हो गई

वो बोल - ऐसा भी होता है भूल में

शर्म नहीं आती

ऐसी गंदी हरकतें करते हो,

स्कूल में?

और इससे पहले कि

हकीकत बयान करते

कि फिर चल गई

प्रिंसिपल को खल गई।

हुआ यह परिणाम

कट गया नाम

बमुश्किल तमाम

मिला एक काम।


इंटरव्यूह में, खड़े थे क्यू में

एक लड़की थी सामने अड़ी

अचानक मुड़ी

नजर उसकी हम पर पड़ी

और आंख चल गई

लड़की उछल गई

दूसरे उम्मीदवार चौंके

उस लडकी की साईड लेकर

हम पर भौंके

फिर क्या था

मार-मार जूते-चप्पल

फोड़ दिया बक्कल

सिर पर पांव रखकर भागे

लोग-बाग पीछे, हम आगे

घबराहट में घुस गये एक घर में

भयंकर पीड़ा थी सिर में

बुरी तरह हांफ रहे थे

मारे डर के कांप रहे थे

तभी पूछा उस गृहणी ने --

कौन ?

हम खड़े रहे मौन

वो बोली

बताते हो या किसी को बुलाऊँ ?

और उससे पहले

कि जबान हिलाऊँ

चल गई

वह मारे गुस्से के

जल गई

साक्षात दुर्गा-सी दीखी

बुरी तरह चीखी

बात की बात में जुड़ गये अड़ोसी-पड़ोसी

मौसा-मौसी

भतीजे-मामा

मच गया हंगामा

चड्डी बना दिया हमारा पजामा

बनियान बन गया कुर्ता

मार-मार बना दिया भुरता

हम चीखते रहे

और पीटने वाले

हमें पीटते रहे

भगवान जाने कब तक

निकालते रहे रोष

और जब हमें आया होश

तो देखा अस्पताल में पड़े थे

डाक्टर और नर्स घेरे खड़े थे

हमने अपनी एक आंख खोली

तो एक नर्स बोली

दर्द कहां है?

हम कहां कहां बताते

और इससे पहले कि कुछ कह पाते

चल गई

नर्स कुछ नहीं बोली

बाइ गॉड ! (चल गई)

मगर डाक्टर को खल गई

बोला --

इतने सीरियस हो

फिर भी ऐसी हरकत कर लेते हो

इस हाल में शर्म नहीं आती

मोहब्बत करते हुए

अस्पताल में?

उन सबके जाते ही आया वार्ड-बॉय

देने लगा अपनी राय

भाग जाएं चुपचाप

नहीं जानते आप

बढ़ गई है बात

डाक्टर को गड़ गई है

केस आपका बिगड़वा देगा

न हुआ तो मरा बताकर

जिंदा ही गड़वा देगा।

तब अंधेरे में आंखें मूंदकर

खिड़की के कूदकर भाग आए

जान बची तो लाखों पाये।


एक दिन सकारे

बाप जी हमारे

बोले हमसे --

अब क्या कहें तुमसे ?

कुछ नहीं कर सकते

तो शादी कर लो

लड़की देख लो।

मैंने देख ली है

जरा हैल्थ की कच्ची है

बच्ची है, फिर भी अच्छी है

जैसी भी, आखिर लड़की है

बड़े घर की है, फिर बेटा

यहां भी तो कड़की है।

हमने कहा --

जी अभी क्या जल्दी है?

वे बोले --

गधे हो

ढाई मन के हो गये

मगर बाप के सीने पर लदे हो

वह घर फंस गया तो संभल जाओगे।


तब एक दिन भगवान से मिल के

धड़कता दिल ले

पहुंच गए रुड़की, देखने लड़की

शायद हमारी होने वाली सास

बैठी थी हमारे पास

बोली --

यात्रा में तकलीफ तो नहीं हुई

और आंख मुई चल गई

वे समझी कि मचल गई

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मैं लड़की की मां हूँ

लड़की को बुलाऊँ

और इससे पहले कि मैं जुबान हिलाऊँ

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उन्होंने किसी का नाम ले पुकारा

झटके से खड़ी हो गईं

हम जैसे गए थे लौट आए

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पिता जी बोले --

अब क्या फायदा

मुंह लटकाने से

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नहीं डूब सकते तो आंखें फोड़ लो

नहीं फोड़ सकते हमसे नाता ही तोड़ लो

जब भी कहीं जाते हो

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भगवान जाने कैसे चलाते हो?


अब आप ही बताइये

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लाख-दो-लाख के।

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मेरा मतलब है कि कोई रास्ता निकालिये

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