क्या अब भी तुम मुझे याद करते हो

by abk2308 on March 10, 2014, 08:36:36 PM
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abk2308
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पता नहीं कहाँ से और कैसे शुरू करू ..
पर मन है आज लिखने का  


जब मुझे इश्क था तुमसे

एक अजीब सा पागलपन था इश्क का

मुझे हर लफ्ज़ में िदखता था दर्द मेरा

हर पल सोचता था मन ही मन में की

मुझे तुम याद करते हो??

तुम्हे मै याद आता हूँ??

तुम्हारी बाते मुझे सताती हैं
मेरी आँखों को रुलाती हैं

मार्च की सुनहरी धुप में अब भी टहलता हु मै

िकसी खामोश रास्ते से कोई आवाज आती है

िठठुरती सर्द रातों में
मै जब भी छत पे जाता हूँ

फलक से सभी िसतारों को
तेरी बातें सुनाता हूँ


िकताबों से भी तुम्हारे इश्क में कोई कमी न आई

या

तेरी याद की िशद्दत  से मेरी आँखों में नमी आई

अजीब सा पागलपन है ये मेरे इश्क का


मेरी मासूमियत देखो सुबह से शाम घर में
तेरी यादों में जलता हूँ

िफर उसके बाद दुिनया  की
मजबूरियां पांव में  बेिङयाँ डाल रखीं हैं

मुझे बेिफकर चाहत से भरे सपने नहीं िदखते

अब  टहलने जागने और रोने की फुर्सत ही नहीं िमलती
िसतारों से िमले अरसा हुआ
नाराज हों शायद वो भी मुझसे


िकताबों से शौक अब मेरा बढ़ने लगा है
फर्क इतना है की अब रोज पढने लगा हूँ

तुम्हे िकसने कहा की पगली तुझको याद करता हूँ
के अब तो मै तुझको भुलाने की जुस्तजू मे हू


ँमगर ये जुस्तजू मेरी बहुत नाकाम रहती है
मेरे िदन रात में अब तुम्हारी शाम रहती है

मेरे लफ़जो की हर माला तुम्हारा नाम लेती हैं
पुरानी बात है अकसर जो लोग गुनगुनाते हैं
उन्हें हम याद करते हैं जिन्हें हम भूल जाते हैं

अजब पागल हो तुम
मेरी मासूमियत को देखो
तुम्हे िदल से भुलाऊ तो तुम्हारी याद अए न

तुम्हे िदल से भुलाने की मुझे फुर्सत नहीं मिलती

अब इस मसरूफ जीवन में
मेरे िदल का इक टुकड़ा

मेरी चाहत की सिद्दत में कमी होने नहीं देता
बहुत रातें जगाता है मुझे सोने नही देता

#अभिषेक
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sksaini4
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«Reply #1 on: March 10, 2014, 08:57:51 PM »
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aqsh
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«Reply #2 on: March 10, 2014, 09:01:42 PM »
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Bahut khoooooooooob...
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abk2308
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«Reply #3 on: March 10, 2014, 09:34:39 PM »
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dhanywad aap sabhi ka...
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Advo.RavinderaRavi
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«Reply #4 on: March 10, 2014, 10:59:26 PM »
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पता नहीं कहाँ से और कैसे शुरू करू ..
पर मन है आज लिखने का 


जब मुझे इश्क था तुमसे

एक अजीब सा पागलपन था इश्क का

मुझे हर लफ्ज़ में िदखता था दर्द मेरा

हर पल सोचता था मन ही मन में की

मुझे तुम याद करते हो??

तुम्हे मै याद आता हूँ??

तुम्हारी बाते मुझे सताती हैं
मेरी आँखों को रुलाती हैं

मार्च की सुनहरी धुप में अब भी टहलता हु मै

िकसी खामोश रास्ते से कोई आवाज आती है

िठठुरती सर्द रातों में
मै जब भी छत पे जाता हूँ

फलक से सभी िसतारों को
तेरी बातें सुनाता हूँ


िकताबों से भी तुम्हारे इश्क में कोई कमी न आई

या

तेरी याद की िशद्दत  से मेरी आँखों में नमी आई

अजीब सा पागलपन है ये मेरे इश्क का


मेरी मासूमियत देखो सुबह से शाम घर में
तेरी यादों में जलता हूँ

िफर उसके बाद दुिनया  की
मजबूरियां पांव में  बेिङयाँ डाल रखीं हैं

मुझे बेिफकर चाहत से भरे सपने नहीं िदखते

अब  टहलने जागने और रोने की फुर्सत ही नहीं िमलती
िसतारों से िमले अरसा हुआ
नाराज हों शायद वो भी मुझसे


िकताबों से शौक अब मेरा बढ़ने लगा है
फर्क इतना है की अब रोज पढने लगा हूँ

तुम्हे िकसने कहा की पगली तुझको याद करता हूँ
के अब तो मै तुझको भुलाने की जुस्तजू मे हू


ँमगर ये जुस्तजू मेरी बहुत नाकाम रहती है
मेरे िदन रात में अब तुम्हारी शाम रहती है

मेरे लफ़जो की हर माला तुम्हारा नाम लेती हैं
पुरानी बात है अकसर जो लोग गुनगुनाते हैं
उन्हें हम याद करते हैं जिन्हें हम भूल जाते हैं

अजब पागल हो तुम
मेरी मासूमियत को देखो
तुम्हे िदल से भुलाऊ तो तुम्हारी याद अए न

तुम्हे िदल से भुलाने की मुझे फुर्सत नहीं मिलती

अब इस मसरूफ जीवन में
मेरे िदल का इक टुकड़ा

मेरी चाहत की सिद्दत में कमी होने नहीं देता
बहुत रातें जगाता है मुझे सोने नही देता

#अभिषेक











क्या बात है,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,बेहतरीन.!!
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Shireen Hakani
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«Reply #5 on: March 11, 2014, 12:02:51 AM »
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nandbahu
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«Reply #6 on: March 11, 2014, 05:45:23 PM »
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abk2308
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«Reply #7 on: March 28, 2014, 07:35:50 PM »
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thanks to all ...
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With a Quick-Reply you can use bulletin board code and smileys as you would in a normal post, but much more conveniently.


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