हम और तुम बारिश के मौसम में

by Suku on September 29, 2009, 10:06:08 AM
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Suku
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हम और तुम बारिश के मौसम में
अजबसी मदहोशी छाई बदनमे,
हाय ये बैचेनी अंग अंग में,
अंजानी तरलता नसनसमे,
हम और तुम बारिश के मौसम में

याद है आज भी वह मुलाकात पहली,
फुलों से सजी वह भीगती टहली ,
वो हया, वो लज्जा, वो पहला स्पर्श,
दो अजनबी एक ही छातेमे,
हम और तुम बारिश के मौसम में

वो यादे, मुलाकाते,
वो नगमे, वो शिकवे,
वो बाते नशीली, नज़रे कटीली,
हर दिन हर पल तेरे ही खयालोमे,
हम और तुम बारिश के मौसम में

वो coffee की गर्म चुस्कियाँ,
दिलमे उभरती कितनी ही मस्तियाँ,
प्यार की गवाह पुरानी नदियाँ,
ठिठुरते पेड़ हमारीही राह में,
हम और तुम बारिश के मौसम में

गुनगुनाना वो तुम्हारा और मेरा शरमाना,
रूठना मनाना चिढाना सताना,
आज भी दिल दिवाना तुम्हारे इंतजार में,
हम और तुम बारिश के मौसम में
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Suku
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«Reply #1 on: September 29, 2009, 10:06:56 AM »
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अजबसी मदहोशी छाई बदनमे,
हाय ये बैचेनी अंग अंग में,
अंजानी तरलता नसनसमे,
हम और तुम बारिश के मौसम में

याद है आज भी वह मुलाकात पहली,
फुलों से सजी वह भीगती टहली ,
वो हया, वो लज्जा, वो पहला स्पर्श,
दो अजनबी एक ही छातेमे,
हम और तुम बारिश के मौसम में

वो यादे, मुलाकाते,
वो नगमे, वो शिकवे,
वो बाते नशीली, नज़रे कटीली,
हर दिन हर पल तेरे ही खयालोमे,
हम और तुम बारिश के मौसम में

वो coffee की गर्म चुस्कियाँ,
दिलमे उभरती कितनी ही मस्तियाँ,
प्यार की गवाह पुरानी नदियाँ,
ठिठुरते पेड़ हमारीही राह में,
हम और तुम बारिश के मौसम में

गुनगुनाना वो तुम्हारा और मेरा शरमाना,
रूठना मनाना चिढाना सताना,
आज भी दिल दिवाना तुम्हारे इंतजार में,
हम और तुम बारिश के मौसम में
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Rishi Agarwal
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«Reply #2 on: September 29, 2009, 11:36:23 AM »
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nice and goood Applause Applause Applause
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madhuwesh
Guest
«Reply #3 on: September 29, 2009, 12:22:15 PM »
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Wah bahut bahut khoob Suku ji,very beautiful creation,touching. icon_thumleft Applause Applause Applause Applause Applause
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Rishi Agarwal
Guest
«Reply #4 on: September 29, 2009, 12:37:09 PM »
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bahut khub suku ji nice
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sbechain
Guest
«Reply #5 on: February 05, 2012, 06:20:02 PM »
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हम और तुम बारिश के मौसम में
अजबसी मदहोशी छाई बदनमे,
हाय ये बैचेनी अंग अंग में,
अंजानी तरलता नसनसमे,
हम और तुम बारिश के मौसम में

याद है आज भी वह मुलाकात पहली,
फुलों से सजी वह भीगती टहली ,
वो हया, वो लज्जा, वो पहला स्पर्श,
दो अजनबी एक ही छातेमे,
हम और तुम बारिश के मौसम में

वो यादे, मुलाकाते,
वो नगमे, वो शिकवे,
वो बाते नशीली, नज़रे कटीली,
हर दिन हर पल तेरे ही खयालोमे,
हम और तुम बारिश के मौसम में

वो coffee की गर्म चुस्कियाँ,
दिलमे उभरती कितनी ही मस्तियाँ,
प्यार की गवाह पुरानी नदियाँ,
ठिठुरते पेड़ हमारीही राह में,
हम और तुम बारिश के मौसम में

गुनगुनाना वो तुम्हारा और मेरा शरमाना,
रूठना मनाना चिढाना सताना,
आज भी दिल दिवाना तुम्हारे इंतजार में,
हम और तुम बारिश के मौसम में


bahut khoob.........!
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