ये जिन्दगी का कैसा है खेल --आर के रस्तोगी

by Ram Krishan Rastogi on August 25, 2018, 12:52:44 PM
Pages: [1]
Print
Author  (Read 719 times)
Ram Krishan Rastogi
Umda Shayar
*

Rau: 69
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
30 days, 22 hours and 27 minutes.

Posts: 4999
Member Since: Oct 2010


View Profile
ये जिन्दगी का कैसा है खेल
कोई पास है तो कोई है फेल
कोई रोज माल पूए खाता
कोई भूखा ही सो जाता
कोई ए सी कमरे में सोता
कोई फुट पाथ पर  सोता
ये जीवन के कैसे है खेल
कोई पास तो कोई है फेल

कोई रिक्शे में बैठ कर है चलता
कोई रिक्शे को खीच कर चलता
कोई चार चार गाडी रखता
कोई नंगे पाँव पैदल चलता
कोई हवाई जहाज से चलता
कोई उससे नीचे पाँव न धरता
कैसा है ये चलने का खेल
कोई पास तो कोई है फेल

कोई दाने दाने को तरसता
कोई अनाज गोदामों में भरता
अनाज गोदामों में सड़ जाता
गरीबो को ये नहीं मिल पाता
राशन के लिये लाईन लगी है
चारो तरफ भीड़ खडी  है
कैसा है ये अनाज का खेल
कोई पास तो कोई है फेल

कही चारो तरफ है पानी पानी
कही मिलता न पीने को पानी
जब जनता करती है नादानी
तब प्रकृति करती है नादानी
कही चारो तरफ बाढ़ है आई
कही सूखे की नौबत है आई
कैसा है ये प्रकृति का खेल
कोई पास तो कोई है फेल

कोई मोदी के आगे लगा है
कोई मोदी के पीछे लगा है
कोई महागठबंधन है बनाता
कोई वोटरों को बेवकूफ बनाता
कोई कुनबे को राजनीति में लाता
कोई दुश्मन से हाथ मिलाता
कैसा है ये राजनीति का खेल
कोई पास है तो कोई है फेल  

आर के रस्तोगी
  
Logged
surindarn
Ustaad ae Shayari
*****

Rau: 273
Offline Offline

Waqt Bitaya:
134 days, 2 hours and 27 minutes.
Posts: 31520
Member Since: Mar 2012


View Profile
«Reply #1 on: August 26, 2018, 01:38:00 AM »
ये जिन्दगी का कैसा है खेल
कोई पास है तो कोई है फेल
कोई रोज माल पूए खाता
कोई भूखा ही सो जाता
कोई ए सी कमरे में सोता
कोई फुट पाथ पर  सोता
ये जीवन के कैसे है खेल
कोई पास तो कोई है फेल

कोई रिक्शे में बैठ कर है चलता
कोई रिक्शे को खीच कर चलता
कोई चार चार गाडी रखता
कोई नंगे पाँव पैदल चलता
कोई हवाई जहाज से चलता
कोई उससे नीचे पाँव न धरता
कैसा है ये चलने का खेल
कोई पास तो कोई है फेल

कोई दाने दाने को तरसता
कोई अनाज गोदामों में भरता
अनाज गोदामों में सड़ जाता
गरीबो को ये नहीं मिल पाता
राशन के लिये लाईन लगी है
चारो तरफ भीड़ खडी  है
कैसा है ये अनाज का खेल
कोई पास तो कोई है फेल

कही चारो तरफ है पानी पानी
कही मिलता न पीने को पानी
जब जनता करती है नादानी
तब प्रकृति करती है नादानी
कही चारो तरफ बाढ़ है आई
कही सूखे की नौबत है आई
कैसा है ये प्रकृति का खेल
कोई पास तो कोई है फेल

कोई मोदी के आगे लगा है
कोई मोदी के पीछे लगा है
कोई महागठबंधन है बनाता
कोई वोटरों को बेवकूफ बनाता
कोई कुनबे को राजनीति में लाता
कोई दुश्मन से हाथ मिलाता
कैसा है ये राजनीति का खेल
कोई पास है तो कोई है फेल 

आर के रस्तोगी
 

Applause Applause Applause Applause Applause Applause
Logged
Ram Krishan Rastogi
Umda Shayar
*

Rau: 69
Offline Offline

Gender: Male
Waqt Bitaya:
30 days, 22 hours and 27 minutes.

Posts: 4999
Member Since: Oct 2010


View Profile
«Reply #2 on: August 26, 2018, 02:46:38 PM »
shri Surindran ji shukriya
Logged
Pages: [1]
Print
Jump to:  


Get Yoindia Updates in Email.

Enter your email address:

Ask any question to expert on eTI community..
Welcome, Guest. Please login or register.
Did you miss your activation email?
October 25, 2025, 12:46:59 AM

Login with username, password and session length
Recent Replies
by ASIF
[October 17, 2025, 07:29:39 PM]

by ASIF
[October 17, 2025, 05:20:28 PM]

[October 16, 2025, 02:31:30 PM]

[October 16, 2025, 10:08:02 AM]

[October 09, 2025, 06:26:26 PM]

[October 06, 2025, 04:22:43 PM]

[October 06, 2025, 04:12:26 PM]

[October 06, 2025, 09:44:28 AM]

[October 06, 2025, 07:56:35 AM]

[October 05, 2025, 07:35:44 PM]
Yoindia Shayariadab Copyright © MGCyber Group All Rights Reserved
Terms of Use| Privacy Policy Powered by PHP MySQL SMF© Simple Machines LLC
Page created in 0.132 seconds with 25 queries.
[x] Join now community of 8519 Real Poets and poetry admirer