किसी से मोहब्बत कर उसे बे-वजह छोड़ देना सबसे बड़ा गुनाह हैं, तुम शायद अपने जिन्दगी मैं किसी और को पाकर खुश हो जाओगे । पर तुम्हारी वजह से कोई घुटन भरी जिन्दगी बसर करेगा ।
मोहब्बत करों तो निभाने के लिए करों ना की उसकी भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने के लिए । या तो इश्क करों मत और करों तो अंजाम से डरो मत, वादें कसमें मीठा आचार नहीं हैं जो तुम खाते हो और फिर भूल जाते हो ।
मोहब्बत निभाने का अगर हुनर नहीं हैं तो मोहब्बत करके के किसी की जिन्दगी बर्बाद करने का हुनर रखना भी बहुत गलत हैं ।
मोहब्बत ईश्वर हैं और तुम उसी के साथ छल कपट करते हो । किसी की ज़िन्दगी में जब प्रवेश करों तो ये सोच कर प्रवेश करों की उसके जीवन की आगे की कड़ी अब तुमसे जुडी हैं । तुम्हारी एक गलती या एक मजाक उसकी जिन्दगी भर की तकलीफ दे सकता हैं ।
इसलिए या तो इश्क करों मत और करों तो उसे निभाने का दम भी रखो । वादें भी उतने ही करों जितने तुम निभा सकों । आप जरुर अपनी जिन्दगी के हर मकसद में कामयाब हो जायेंगे पर आपकी वजह से कोई ता-उम्र विरह और आंसू भरी जिन्दगी बसर करें तो वो आपकी कामयाबी रती भर की भी काम की नहीं हैं ।
मोहब्बत हासिल करने का नाम नहीं हैं । मोहब्बत एक दुसरें को खुशियाँ देने का नाम हैं चाहें वो किसी भी रूप में हो पर जुदाई या उसे छोड़ कर तुम उसकी खुशियाँ ही नहीं उसकी जीने की वजह भी छीन रहें हो ।
इसलिए कोई भी फैसला करों पर अपने फैसले की वजह से किसी की जिन्दगी से खिलवाड़ करना नाजायज हैं उसके लिए खुदा भी आपको माफ़ नही करता ।
खुदा उन लोगो को सदबुद्धि दे जो मोहब्बत को खेल समझते हैं ।
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०२ जुलाई २०१४